सुखेर क्षेत्र में हो रही पहाड़ियों की कटिंग का मामला एआर लाइव न्यूज द्वारा उजागर करने के बाद हरकत में आया प्रशासन
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। हाईकोर्ट की रोक के बावजूद सुखेर क्षेत्र में गोयल रिसोर्ट एंड होटल्स और पार्श्वनाथ कॉम्पलैक्स कंपनियों द्वारा बड़े स्तर पर की जा रही पहाड़ियों की कटिंग का मामला सामने आने पर उदयपुर विकास प्राधिकरण के अफसरों की आंखों पर चढ़ा सहानुभूति का चश्मा आखिरकार उतर गया। यूडीए की टीम रात के अंधेरे में मौके पहुंची और सात पोकलेन मशीनें और एक डंपर को सीज किया। खास बात यह रही कि कार्रवाई के दौरान कलेक्टर नमित मेहता खुद रात को मौके पर पहुंचे और कटती पहाड़ियों की हकीकत अपनी आंखों से देखी। यूडीए ने मौका पर्चा भी बनाया है। udaipur hill cutting issue collector reached on spot and saw the reality of hill cutting in spite of high court ban
एआर लाइव न्यूज में पहाड़ियों की कटिंग की कड़वी सच्चाई बयां करती खबर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन और यूडीए हरकत में आए। कलेक्टर नमित मेहता ने भी हाईकोर्ट की रोक के बावजूद खुलेआम पहाड़ियों की कटिंग होने को गंभीरता से लिया। यूडीए आयुक्त राहुल जैन के निर्देश पर यूडीए तहसीलदार डॉ.अभिनव शर्मा की टीम रात के अंधेरे में मौके पर पहुंची और पहाड़ियों को छलनी करने के काम में ली जा रही सात मशीनों के साथ ही एक डंपर को सीज कर दिया गया। यूडीए से प्राप्त जानकारी अनुसार ये मशीनें गोयल रिसोर्ट एंड होटल्स के लिए पहाड़ियों की कटिंग के काम में ली जा रही थी।
मशीनें सीज की, तो जब्त क्यों नहीं की गयीं.?
यूडीए ने मौके पर 7 पोकलेन मशीनों और एक डम्पर को सीज किया है, सवाल यह है कि इन मशीनों के जरिए हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा था, तो यूडीए ने इन मशीनों को जब्त क्यों नहीं किया। क्या यूडीए कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति तो नहीं करना चाहती.? जब हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद पहाड़ियों की कटिंग हो सकती है, तो इसकी क्या गारंटी है कि इन सीज मशीनों को अब पहाड़ियों की कटिंग के काम में नहीं लिया जाएगा।
पहाड़ों को संरक्षित करना हर नागरिक की जिम्मेदारी
एआर लाइव न्यूज की नागरिकों से अपील है कि आपके आस-पास कहीं भी आप पहाड़ी की कटिंग होते हुए देखते हैं तो एआर लाइव न्यूज या उदयपुर कलेक्टर या यूडीए कमिश्नर को इस बारे में सूचना दें। प्रकृति में पेड़ उगाए जा सकते हैं, झीलों से अतिक्रमण हटाकर उन्हें संरक्षित किया जा सकता है। लेकिन ये पहाड़ हजारों सालों की प्रक्रिया के बाद प्राकृतिक तौर पर बने हैं, इन्हें अगर एक बार काट दिया तो दोबारा नहीं बनाया जा सकता। कुछ लोग छोटे-छोटे लालचों में इन पहाड़ों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में पहाड़ों का संरक्षण करना किसी एक अधिकारी, संस्थान या व्यक्ति की नहीं, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। udaipur hill cutting issue collector reached on spot and saw the reality of hill cutting in spite of high court ban
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