अरावली के गुनहगारों के हाथ क्या कानून से लंबे है.! पहाड़ों के संरक्षण के लिए हाईकोर्ट गयी झील संरक्षण समिति से अपील है कि वह इन हालातों के बारे में हाईकोर्ट को अवगत कराए
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। कहते हैं कि ये देश सिर्फ धनवान लोगों के लिए है, धन है तो कोई कानून और किसी भी न्यायालय का आदेश आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पैसा है तो आपके हाथ कानून से भी लंबे हो जाते हैं। शहर में इन दिनों पहाड़ियों को छलनी करने का काम जिस तरह से हो रहा है, उसे देखकर तो ऐसा कहा जा सकता है कि उदयपुर में पहाड़ी काटने वालों के हाथ कानून से लंबे हो गए हैं। पहाड़ियों की कटाई पर भले ही हाईकोर्ट से रोक हो, पहाड़ियों के छलनी किए जाने का मुद्दा विधानसभा में गूंजा हो, लेकिन पहाड़ी काटने वालों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। हाईकोर्ट की रोक के बावजूद सुखेर में उदयपुर के बड़े प्रोपर्टी व्यवसायी शांतिलाल जैन की पार्श्वनाथ कॉम्पलैक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का काम अनवरत जारी है। Udaipur Hill Cutting still being in spite of high court order to ban hill cutting
हाईकोर्ट के आदेश पर जिस प्रोजेक्ट को यूडीए ने रूकवाया था, उसका काम फिर शुरू
वीडियो में क्लिक कर देखें हाईकोर्ट की रोक के बाजवूद काट रहे पहाड़ी
पड़ताल करने पर पता चला कि गत वर्ष जब हाईकोर्ट ने पहाड़ियों की कटाई पर रोक लगाते हुए हिल पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए थे, तब पार्श्वनाथ कॉम्पलैक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सहित करीब 43 ऐसे प्रोजेक्ट्स यूडीए द्वारा बंद कराए गए थे, जो बिना अनुमति या नियमों के विपरीत पहाड़ियों को छलनी कर पूरे किए जा रहे थे। यूडीए ने इस प्रोजेक्ट की रिपोर्ट हाईकोर्ट में सबमिट कर बताया था कि मौके पर कोई काम नहीं चल रहा है, लेकिन आज मौके की स्थिति देखें तो यहां पहाड़ी की कटाई का काम अनवरत जारी है। यूडीए के पास पर्यावरण प्रेमियों ने शिकायत की, लेकिन इन पर कानूनी कार्रवाई तो दूर काम रूकवाने की जहमत तक नहीं उठायी गयी है।
पहाड़ों के संरक्षण के लिए हाईकोर्ट गयी झील संरक्षण समिति से अपील है कि वह इन हालातों के बारे में हाईकोर्ट को अवगत कराए।
ऐसी क्या जल्दी है कि दिन-रात मशीनें लगाकर काट रहे हैं पहाड़.?
पहाड़ियों की कटाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगायी हुई है, गत माह सरकार हाईकोर्ट में कह चुकी है कि वह एक महीने में हिल पॉलिसी ले आएगी। इन सब के बीच सवाल यही उठता है कि इन कंपनियों को ऐसी क्या जल्दी है, जो बड़ी-बड़ी पोकलेन मशीनें और जेसीबी लगाकर दिन-रात पहाड़ियों को छलनी करने का काम किया जा रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि ये कंपनियां हिल पॉलिसी के आने से पहले अपने प्रोजेक्ट के लिए पहाड़ी को पूरी तरह छलनी कर देना चाहती हैं, ताकि हिल पॉलिसी आने के बाद इन्हें ज्यादा कोई समस्या नहीं आए।
उदयपुर की पहाड़ियों के लिए लड़ रहे पर्यावरण प्रेमी यूडीए कमिश्नर को इस बात की शिकायत कर चुके हैं, यहां तक कि पहाड़ों की कटाई पर हाईकोर्ट की रोक के आदेशों का हवाला भी दे चुके हैं, लेकिन विभाग की ओर से इन कारोबारियों को न तो रोका गया और न ही इन पर कोई कार्रवाई की गयी। Udaipur Hill Cutting still being in spite of high court order to ban hill cutting, Last year UDA stopped stopped that 50 projects related to hill cutting, they start their project again without any permission
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