- उदयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम व प्रशासन ने हाईकोर्ट को दी रिपोर्ट
- खबर के आखिरी में देखें अरावली के गुनहगारों की लिस्ट : प्रशासनिक रिपोर्ट में सामने आ गए नाम
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। उदयपुर में व्यवसायिक लाभ के लिए पहाड़ियों को काटने वाले बड़े-बड़े लोग कौन है। इसकी एक तस्वीर उजागर हो गई है। इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जो जनता के सामने बड़े भामाशाह और समाजसेवी बनकर घूमते है। ये वे नाम हैं, जो उदयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम व उदयपुर जिला प्रशासन की तरफ से जोधपुर हाईकोर्ट में पेश की गई एक रिपोर्ट में बताए गए हैं। हालांकि कुछ भूमाफिया के नाम अभी उजागर होने बाकी है।(illegal hill cutting in udaipur) illegal hill cutting in udaipur
झील संरक्षण समिति की और से दायर जनहित याचिका मामले में उदयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम और जिला प्रशासन की और से पेश रिपोर्ट में 43 मामले शामिल है। ये वो लोग हैं जिन्होंने नियमों को ताक में रखकर या फिर हिल पॉलिसी की आड़ में उदयपुर शहर के आसपास पहाड़ियों को छलनी करने का काम किया है। रिपोर्ट पेश होने पर हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अगली सुनवाई तक हिल बॉयलाज के विपरीत चल रहे निर्माण पर रोक लगा दी है। नगर निगम उदयपुर के अधिवक्ता अनुराग शुक्ला ने बताया कि हाईकोर्ट में उदयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम व उदयपुर जिला प्रशासन की तरफ से संयुक्त रिपोर्ट पेश की है, उसमें पहाड़ियों को काटने से संबंधित 43 मामले चिन्हित है। मौका स्थिति के साथ तथ्यात्मक जानकारी हाईकोर्ट को दी है।
संयुक्त जांच रिपोर्ट में बताया- नियमों के विपरीत पहाड़ की कटिंग
उदयपुर विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन और नगर निगम ने जोधपुर हाईकोर्ट में संयुक्त रिपोर्ट पेश की है। इसमें बताया गया है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित जांच कमेटी द्वारा प्रकरणों पर जांच में ये तथ्य सामने आया है कि कुछ स्थानों पर वृहद बड़े स्तर पर रूप में अनियंत्रित तरीके से पहाड़ों की कटिंग की गयी है। कुछ स्थानों पर हिल पॉलिसी 2018 के कुछ तकनीकी खामियों का लाभ उठाकर व पॉलिसी में तकनीकी बिंदुओं को लेकर अस्पष्टता होने से पहाड़ों पर अवैध खनन व पहाड़ों को काटकर समतल करने के प्रकरण सामने आए थे।
कई स्थानों पर पहाड़, पहाड़ियों को अनुचित रूप से वर्टिकल काट दिया गया है। कुछ स्थानों पर पुरानी हिल पॉलिसी के तहत मानचित्र स्वीकृत किए गए, वहां पर भी नियमों के विपरीत पहाड़ की कटिंग की गयी है। मानकों के उल्लंघन पर सख्त दंण्डात्मक प्रावधान किया जाना आवश्यक है। इसके लिए भी पहाड़ों को मानकों से ज्यादा वर्टिकल काटकर समतल नहीं किया जाना चाहिए। “प्रकृति है तो हम हैं”, इसलिए पहाड़ियों को बचाने की जिम्मेदारी हर नागरिक की है। ऐसे में एआर लाइव न्यूज आप सभी से अपील करता है कि आप उदयपुर में कहीं भी पहाड़ियों की कटाई होते हुए देखें तो उसके फोटोग्राफ, लोकेशन, पता सहित अन्य जानकारी हमारे इस नंबर 9887071584 पर वाट्सअप कर सकते हैं।
अरावली के गुनहगार.!
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