हजारों बीघा फसलें बर्बादः ग्रामीणों ने जलसंसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के निलंबन और उदयसागर से पानी निकासी क्षमता बढ़ाने की मांग की
- झाड़ोल हाईवे पर लैंडस्लाइड, मछली पकड़ रहे युवक की आयड़ नदी में गिरने से मौत
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। आयड़ नदी के उफान पर आने के बाद उदयसागर के आस-पास के गांवों में तबाही मची हुई है। जहां नजर डालों डूबे हुए खेत, खलिहान और मकान दिखायी दे रहे हैं। उदयसागर की पूर्ण भराव क्षमता 24 फीट है और यह शनिवार देर रात करीब 28 फीट तक भर गया। आज सोमवार को भी उदयसागर का गेज 27.5 फीट पर है। Udaipur udai sagar gauge crosses three feet more than red sign villagers said officers are responsible for this devastation
उदयसागर के बैक वाटर से प्रभावित गांवों में बर्बादी की कहानी के लिए सिर्फ प्रकृति को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते, बल्कि यह सीधे तौर पर जलसंसाधन विभाग उदयपुर के अफसरों की लापरवाही का नतीजा है। हजारों बीघा खेतों में फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और सब्जियां उदयसागर के बैकवाटर में दफन हो चुकी है। पशुओं को खिलाने वाला चारा भी पानी से बर्बाद हो चुका है। प्रभावित क्षेत्र के किसान खून के आंसू रो रहे हैं।
उदयसागर से जल निकासी के प्रबंधन पर मानसून की शुरूआत से ही ध्यान देते तो यह हालात नहीं बनते
ग्रामीणों ने इसके लिए जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। ग्रामीणों ने कहा लंबे समय से उदयसागर की निकासी क्षमता बढ़ाने की मांग की जा रही है, वहीं मौसम विभाग का अलर्ट होने के बावजूद उदयसागर के गेट इतने कम खोले हुए थे कि बारिश के बाद उदयसागर कुछ ही घंटों में रेड निशान को क्रॉस कर गया। अगर उदयसागर से जल निकासी के प्रबंधन पर मानसून की शुरूआत के साथ ही ध्यान दिया जाता तो यह हालात नहीं बनते।
उदयसागर के बैकवाटर से कानपूर, नदी वाला खेड़ा, भोईयों की पचोली, खरबड़िया, मटून और लकड़वास क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। कमलोद, टीलाखेड़ा में भी किसानों को नुकसान हुआ है। पूर्व उपसरपंच मदनलाल डांगी और पन्नालाल मेघवाल ने जलसंसाधन विभाग की पूरी लापहरवाही को जिम्मेदार बताया। ग्रामीणों ने बताया कि मानसून के सक्रिय होने के बावजूद जलसंसाधन विभाग ने उदयसागर के गेट कम कर पानी की निकासी कम कर दी थी। 6 सितंबर को जब हालात बेकाबू हो गए, तब जाकर जलसंसाधन विभाग ने उदयसागर के पांच-पांच और फिर सात-सात फीट गेट खोले, लेकिन तब तक हमारी फसलें बर्बाद हो चुकी थीं। ग्रामीणों ने इसके लिए जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और निलंबन की मांग की है।
झाड़ोल हाईवे पर बड़ी-बड़ी चट्टाने गिरी, रास्ता अवरूद्ध
रूक रूक कर बारिश का क्रम बना रहने से उदयपुर-झाड़ोल हाईवे 58ई पर बीती रात पहाड़ों से बड़ी-बड़ी चट्टाने हाईवे पर आ गिरी। इस कारण घंटों रास्ता अवरूद्ध रहा। पिछले 24 घंटों में राजस्थान में माउंट आबू में हुई सर्वाधिक 250 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इधर फतहसागर, पीछोला सहित कई जलाशयों में पानी की आवक बनी हुई है।
इधर रविवार रात आलू फैक्ट्री के पास आयड़ नदी में मछली पकड़ रहे युवक की पैर फिसलने से नदी में डूबने से मौत हो गयी। सूचना पर पहुंची पुलिस और रेस्क्यू टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया। सोमवार सुबह आयड़ नदी में जहां वह गिरा था, वहां से करीब 100 से 150 मीटर आगे उसका शव बरामद हुआ है। युवक आलू फैक्ट्री कच्ची बस्ती का ही रहने वाला था।
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