एक आरोपी मृतक का रिश्तेदारी में भतीजा निकला
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। उदयसागर किनारे पार्क में हुई युवक शंकरलाल डांगी की हत्या का प्रतापनगर थाना पुलिस ने 48 घंटे में खुलासा कर 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों को ऑनलाइन गेमिंग की लत थी, ऑनलाइन गेमिंग के लिए ही आरोपियों ने शंकरलाल डांगी से 5-5 लाख रूपए ब्याज पर उधार लिए थे। ऑनलाइन गेमिंग में आरोपियों के ये रूपए डूब गए, लेकिन हर महीने इन्हें इसका ब्याज चुकाना पड़ रहा था, जो कि इनके लिए काफी परेशानी भरा हो गया था। इसलिए दोनों आरोपियों ने शंकरलाल डांगी की हत्या की योजना बनायी और पार्टी करने के बहाने उसे उदयसागर बुलाया और उसकी हत्या कर फरार हो गए। udaipur pratap nagar police exposed blind murder case arrest two accused, online gaming debt key reason of this killing
एडि.एसपी उमेश ओझा ने बताया कि हत्या के आरोप में भल्लों का गुड़ा, कुराबड़ निवासी मांगीलाल उर्फ जगदीश डांगी (34) पुत्र हमेरलाल डांगी और मदनलाल (27) पुत्र शंकरलाल डांगी को गिरफ्तार किया है। शंकरलाल डांगी ब्याज पर रूपए देने का काम भी करता था, आरोपियों ने शंकरलाल डांगी से 5-5 लाख रूपए ब्याज पर लिए हुए थे। ऑनलाइन गेमिंग में ये रूपए डूबने के बाद आरोपी शंकर को रूपए लौटा नहीं पा रहे थे। इसलिए इन्होंने हत्या की योजना बनायी और शंकरलाल को उदयसागर पार्टी करने के नाम से बुलाकर उसकी हत्या कर दी। आरोपी मदनलाल तो शंकरलाल का रिश्तेदारी में भतीजा लगता था।
इन दो अहम बिंदुओं पर शक की सुई इन दोनों आरोपियों पर गयी
- हत्या के लिए खरीदा सामान ही बना अहम साक्ष्य और कड़ी
थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह ने बताया कि टीम ने घटनास्थल से हत्या में प्रयुक्त हुई लोहे की हथौडी, लाल मिर्च पाउडर, बीयर की खाली केन सहित कुछ और अहम साक्ष्य बरामद किए थे। ये सामान किसी हार्डवेयर की दुकान से ही खरीदे जा सकते थे, ऐसे में पुलिस की एक टीम ने क्षेत्र की करीब 50 से अधिक हार्डवेयर की दुकानों पर जाकर सामान की पड़ताल की, वहीं दूसरी टीम ने घटनास्थल के आस-पास के 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले। साइबर सेल की टीम ने कॉल डिटेल और लोकेशन निकाली तो शंकर के परिचित मांगीलाल और मदनलाल की भूमिका पुलिस को संदिग्ध लगी।
- परिजनों ने शंकर से रूपए लेने वाले कर्जदारों के नाम बताए, उनमें भी इनका नाम आया
पुलिस ने परिजनों से बातचीत की तो उन्होंने कई नाम बताए, जिन्हें शंकरलाल ने ब्याज पर रूपए दिए हुए थे। इनमें भी रिश्तेदारी में भतीजा लगने वाले मदनलाल और मांगीलाल का नाम आया। पता चला कि इन्होंने शंकरलाल से पांच-पांच लाख रूपए ब्याज पर लिए हैं, लेकिन ये काम कुछ नहीं करते हैं। हर तरफ से पुलिस के शक की सुई इन पर गयी तो पुलिस ने इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की। दोनों से अलग-अलग पूछताछ करने पर ये ज्यादा देर पुलिस को गुमराह नहीं कर पाए और हत्या करना कबूल कर लिया।
मंदिर से लौट कर हत्या की योजना बनायी
आरोपियों ने कबूल किया कि वे शंकरलाल को ब्याज के रूपए नहीं चुका पा रहे थे, इससे शंकरलाल उन्हें अक्सर धमकाता था। 18 अप्रेल को दोनों आरोपी बाइक से कैलाशपुरी दर्शन करने के लिए गए। मंदिर से लौटकर इन्होंने वहां शंकरलाल और उसके कर्ज से छुटकारा पाने के लिए हत्या की योजना बनायी। हार्डवेयर की दुकान से लोहे की हथौडी, बाईडिग वायर खरीदे, होटल से पीनट और शराब की दुकान से तीन बीयर केन खरीदी, जिंक चौराहा किराणा की दुकान से मिर्च पाउडर, सिगरेट व ब्लेड का पेकेट खरीदा, इसके बाद मृतक शंकरलाल को पार्टी करने के बहाने उदयसागर पाल पर बुलाया।
शंकरलाल को दोनों ने बीयर पिलाई, इसी दौरान आरोपियों ने मौका देखकर उसका पहले गला दबाया और फिर हथौड़ी, ब्लैड से वार किए, वह विरोध नहीं कर पाए तो उस पर मिर्च पाउडर भी डाल दिया। हत्या कर आरोपी मौके पर फरार हो गए और गांव पहुंचकर सामान्य दिन की तरह व्यवहार करने लगे।
वारदात के खुलासे में इस टीम का रही मुख्य भूमिका
थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह, डीएसटी प्रभारी श्याम सिंह रत्नु, एएसआई मोहन सिंह, पर्वत सिंह, हेडकांस्टेबल मुकेश कुमार, अखिलेश्वर, कांस्टेबल राजुराम, नरेन्द्र सिंह, रामस्वरूप, शंकरलाल, सोहन कुमार, साइबर सेल हेडकांस्टेबल कुलदीप सिंह, डीएसटी कांस्टेबल चन्द्र कुमार की अहम भूमिका रही है।
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