हिन्दुस्तान जिंक ने भारत का चांदी उत्पादन 15 गुना बढ़ाया
जयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने अपने एक साक्षात्कार में बताया है कि 23 साल पहले भारत की ग्रोथ का एक नया दौर शुरू हुआ था। जिंक जैसे क्रिटिकल मेटल की डिमांड हाई थी, पर प्रोडक्शन बहुत कम। उस समय देश में जिंक इम्पोर्ट होता था और उस पर 40 प्रतिशत की भारी ड्यूटी लगती थी। 2002 में सरकार ने एक बोल्ड स्टेप लिया, हिन्दुस्तान जिंक का निजीकरण किया और वेदांता को मौका दिया। इसके एक ही साल में बिना किसी रिट्रेंचमेंट के टेक्नोलॉजी और एक्सपर्ट्स की मदद से प्रॉफिट 113.58 प्रतिश बढ़ गया। Hindustan Zinc Becomes World Largest Integrated Zinc Producer
अनिल अग्रवाल कहते हैं मुझे गर्व है यह कहने में कि हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड भारत की ही नहीं, संसार की लार्जेस्ट इंटीग्रेटेड जिंक प्रोड्यूसर है। भारत में सिल्वर का भी प्रोडक्शन बहुत कम था, पर हमारे इंजीनियर्स और एक्सपर्ट्स ने अनुसंधान कर, सिल्वर का प्रोडक्शन भारत में 15 गुना बढ़ाया।
राजस्थान में लाखों लोगों को रोज़गार मिला और 1000 से अधिक एलाइड इंडस्ट्रीज़ खड़ी हो गईं
आज तक हिन्दुस्तान जिंक ने देश के खजाने में लगभग 1.7 लाख करोड़ रूपयों का योगदान दिया है। आर्थिक और सामाजिक समृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण में सुधार हुआ और राजस्थान जैसा सनशाइन स्टेट और भी चमक उठा। Hindustan Zinc Becomes World Largest Integrated Zinc Producer
अब तक का ये सफ़र बहुत ही अमेज़िंक रहा है! और ये तो बस शुरुआत है
अनिल अग्रवाल कहते हैं कि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, वेदांता समूह की कंपनी है। विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक और वैश्विक स्तर पर चांदी की तीसरी सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी है। भारत में प्राथमिक जिंक बाजार में 75 प्रतिशत की प्रमुख हिस्सेदारी के साथ, कंपनी दुनिया भर के 40 से अधिक देशों में अपने उत्पादों की आपूर्ति करती है।
अपनी उद्योग-अग्रणी प्रथाओं के लिए पहचाने जाने वाले, हिन्दुस्तान ज़िंक एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 द्वारा लगातार दूसरे वर्ष मेटल और माइनिंग सेक्टर में विश्व की सबसे सस्टेनेबल कंपनी है। यह मान्यता संचालन, नवाचार और पर्यावरण, सामाजिक और शासन मानकों में कंपनी की उत्कृष्टता को दर्शाती है।
एशिया का पहला कम कार्बन वाला “ग्रीन” जिंक ब्रांड पेश किया
स्थायी उत्पादन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कंपनी ने इकोजेन-एशिया का पहला कम कार्बन वाला “ग्रीन” जिंक ब्रांड पेश किया है। रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग कर उत्पादित, इकोजेन में प्रति टन जिंक में 1 टन से भी कम सीओ-2 के बराबर कार्बन फुटप्रिंट है, जो वैश्विक औसत से लगभग 75 प्रतिशत कम है। हिन्दुस्तान एक प्रमाणित 2.41 गुना वाटर पॉजिटिव कंपनी भी है और 2050 या उससे पहले नेट जीरो एमिशन्स प्राप्त करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।
इसका सामाजिक प्रभाव भी उतना ही सराहनीय है, जिसने लक्षित सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से 1.9 मिलियन लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से लाभान्वित किया है। जिससे इसे भारत की शीर्ष 10 सीएसआर कंपनियों में स्थान मिला है। एक अग्रणी एनर्जी ट्रांसिशन मेटल कंपनी के रूप में, हिन्दुस्तान जिंक सस्टेनेबल भविष्य के लिए आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कंपनी कार्यस्थल समावेशन में भी अग्रणी है, जिसने 25% से अधिक का जेंडर विविधता अनुपात प्राप्त किया है। जो भारत के माइन, मेटल और हेवी इंजीनियरिंग उद्योगों में सबसे अधिक है।
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