डायग्नोस्टिक्स और चिकित्सा क्षेत्र में जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर कार्य करेंगे
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। अर्थ डायग्नोस्टिक्स के सीईओ एवं डायरेक्टर डॉ. अरविंदर सिंह का अमेरिकन पुरडु यूनिवर्सिटी (PURDUE University) में जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए स्कॉलरशिप के साथ चयन हुआ है। हाल ही आईआईटी कानुपर ने भी डॉ. अरविंदर सिंह को स्कॉलरशिप के साथ मशीन लर्निंग तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में चयनित कर एडमिशन दिया था, जिसकी क्लासेस भी शुरू हो गयी हैं। (Arth CEO Dr. Arvinder Singh selected with scholarship in American University for generative AI Course)
डॉ. अरविंदर सिंह ने बताया कि अमेरिकन यूनिवर्सिटी से जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में पढ़ने से अंतरष्ट्रीय स्तर की टेक्नोलॉजी सीखने का मौका मिलेगा, जिसका उपयोग मैं भारत में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने में करने का प्रयास करूंगा। चिकित्सा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा रोबोटिक सर्जरी, डाइग्नोसिस, पेशेंट मैनेजमेंट आदि में क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं। डॉ सिंह ने बताया कि वह आईआईटी के कोर्स के साथ-साथ इस अमेरिकन टेक्नोलॉजी को भी सीखेंगे। यह कोर्सेस वर्चुअल क्लास के द्वारा पढ़ाये जायेंगे और कुछ प्रोजेक्ट्स के लिए डॉ सिंह अमेरिका जायेंगे। 168 डिग्रीज, डिप्लोमा के साथ तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके डॉक्टर अरविंदर सिंह चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरीन कार्य के लिए ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी व ब्रिटिश पार्लियामेंट से भी सम्मानित किए जा चुके हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञता, चिकित्सा कानून और व्यावसायिक कौशल का अनूठा मिश्रण
डॉ.अरविंदर चिकित्सा विशेषज्ञता, चिकित्सा कानून और व्यावसायिक कौशल का एक अनूठा मिश्रण हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड, यूके, अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ एस्थेटिक मेडिसिन, कैनेडियन बोर्ड ऑफ एस्थेटिक मेडिसिन, इंटरनेशनल अकादमी ऑफ स्वीडन तथा जर्मनी से कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी, एस्थेटिक मेडिसिन, सौंदर्य शास्त्र व क्लिनिकल कॉस्मेटोलॉजी, मेडिकल लेजर आदि विषयों में विभिन्न डिप्लोमा व सर्टिफिकेट हासिल किए हैं, वहीं एलएलबी के जरिए उन्होंने चिकित्सा कानून में भी महारथ हासिल की। वे राजस्थान के प्रथम इंटरनशेनल बोर्ड सर्टिफाइड कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट व एस्थेटिक फिजिशियन हैं।
डॉ. अरविंदर ने बताया कि उन्होंने 2009 में आईआईएम टॉप करने वाले भारत के प्रथम डॉक्टर का गौरव प्राप्त किया था। 2008 में उन्होंने स्कॉटलैंड से 90 लाख रूपए पैकेज का जॉब ऑफर छोड़कर भारत में काम करने का फैसला लिया और नॉलेज के दम पर आगे बढ़ते चले गए। डॉक्टर सिंह ने शिक्षा क्षेत्र के अलावा निशानेबाजी में गोल्ड मैडल प्राप्त किया हुआ है और स्कूबा डाइविंग का रिकॉर्ड भी बनाया हुआ है।
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