8 देशों की 20 से अधिक टीमों ने लिया था इस प्रतियोगिता में हिस्सा : हिंदुस्तान जिंक को महिला टास्कफोर्स श्रेणी में मिला पुरस्कार
एआर लाइव न्यूज। हिंदुस्तान जिंक और देश की पहली महिला खदान रेस्क्यू टीम ने एतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है। हिंदुस्तान जिंक की महिला खदान रेस्क्यू टीम ने 8 दशों की 20 टीमों को पछाड़ते हुए 13वीं अंतर्राष्ट्रीय माइंस रेस्क्यू प्रतियोगिता के महिला टास्कफोर्स श्रेणी में दूसरा स्थान हासिल किया है। यह प्रतियोगिता कोलंबिया में आयोजित हुई थी। ऐसा पहली बार हुआ है कि इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत को महिला रेस्क्यू टीम ने प्रतिनिधित्व किया हो। (Hindustan Zinc and India First Women Mine Rescue Team)
विभिन्न देशों द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली इस प्रतियोगिता में महत्वपूर्ण भूमिगत खदान बचाव परिदृश्यों का अनुकरण करने वाले बचाव अभ्यास और परीक्षण शामिल थे। व्यावहारिक और तकनीकी विशेषज्ञता दोनों का आंकलन करने के लिए जानी जाने वाली इस प्रतियोगिता में छह श्रेणियों में टीमों का परीक्षण किया गया। जिसमें सांस लेने और सांस नहीं ले सकने वाले वातावरण में खदान बचाव, प्राथमिक चिकित्सा, बचाव कौशल, उपकरण रखरखाव और सैद्धांतिक जानकारी सम्मिलित थी।
देश की पहली महिला माइंस रेस्क्यू टीम ने हिंदुस्तान जिंक का आभार व्यक्त किया
इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि खनन में हमारी महिला टीम ने वास्तव में अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है। यह भारत का प्रतिनिधित्व करने और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने वाली पहली महिला टीम है। जिसने हमारे देश को वैश्विक खनन क्षेत्र में ऊंचा स्थान दिलाया है। जेण्डर न्यूट्रल वातावरण में विभिन्न देशों की 20 से अधिक टीमों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, इन अविश्वसनीय महिलाओं ने वैश्विक मंच पर भारत को गौरवान्वित किया है।
रेस्क्यू टीम की सदस्य नेहल सोलंकी और संध्या सिंह ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने वाली भारत की पहली महिला टीम के रूप में इतिहास बनाना और विश्व में दूसरा स्थान हासिल करना मेरे लिए अप्रत्याशित है। मैं इस हेतु हिंदुस्तान जिंक द्वारा प्रदान किए गए अवसरों के लिए आभारी हूं।
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