- हाईकोर्ट ने माना नोटिस तामील होने से 15 दिन की समयावधि से पहले यूडीए द्वारा सीज कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं.!
- जीबीएच को यूडीए के नोटिस का 15 दिनों में देना होगा जवाब
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। अमेरिकन इंटरनेशनल हेल्थ मैनेजमेंट द्वारा संचालित जीबीएच हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज में निर्माण स्वीकृति से विपरीत हुए निर्माण को यूडीए द्वारा सीज करने की कार्यवाही पर बुधवार को जोधपुर हाईकोर्ट ने सीज-मुक्त करने के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने नोटिस तामील होने से 15 दिन की समयावधि से पहले ही यूडीए द्वारा सीज कार्यवाही करने को न्यायोचित नहीं माना और सीज किए गए परिसर को सीज-मुक्त करने के आदेश दिए। हाईकोर्ट ने अमेरिकन इंटरनेशनल हेल्थ मैनेजमेंट को भी उस नोटिस का जवाब देने के आदेश दिए हैं, जो 12 जुलाई को यूडीए ने जारी किया था और 21 जुलाई को नोटिस तामील हुआ था। (high court order to deseize gbh hospital property)
हाईकोर्ट में अमेरिकन इंटरनेशनल हेल्थ मैनेजमेंट ने अपना पक्ष रखते हुए बताया था कि जीबीएच हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज में निर्माण स्वीकृति से अतिरिक्त हुए निर्माण को लेकर यूडीए ने 12 जुलाई को नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा था। यह नोटिस यूडीए द्वारा जीबीएच प्रबंधन को 21 जुलाई को तामील करवाया गया था। नोटिस तामील होने की तारीख 21 जुलाई से अगले 15 दिन के अंदर जीबीएच प्रबंधन को इसका जवाब यूडीए को देना था। लेकिन 15 दिन की समय सीमा पूरे होने से पहले ही 23 जुलाई को यूडीए ने जीबीएच परिसर में सीज की कार्रवाई कर दी।
यूडीए अग्रिम कार्यवाही की जानकारी हाईकोर्ट को देगा
हाईकोर्ट ने जीबीएच प्रबंधन का पक्ष सुनने के बाद माना कि यूडीए ने खुद ही जीबीएच प्रबंधन को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया था और नोटिस सर्व होने के तीसरे दिन ही सीज की कार्रवाई कर दी, जो न्यायोचित नहीं है। ऐसे में यूडीए सीज परिसर को सीज मुक्त करे और जीबीएच प्रबंधन 15 दिनों की अवधि में यूडीए को उसके द्वारा जारी किए गए नोटिस का जवाब दे। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जीबीएच द्वारा नोटिस का जो भी जवाब दिया जाता है, यूडीए उसके अनुसार अग्रिम कार्यवाही करे। यूडीए को अग्रिम कार्यवाही की जानकारी हाईकोर्ट को भी देनी होगी।
विधानसभा में मुद्दा उठने के बाद आनन-फानन में यूडीए ने की थी सीज की कार्रवाई
गौरतलब है कि विधायक फूल सिंह मीणा ने विधानसभा में जीबीएच हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज में बिना स्वीकृति हुए निर्माण का मुद्दा उठाया था और ध्यानाकर्षण लाए थे। इस मुद्दे पर 22 जुलाई को नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्चा ने जवाब देते हुए जीबीएच में स्वीकृति से विपरीत हुए निर्माण को 72 घंटों में सीज करने की विधानसभा में घोषणा की थी।
मंत्री के आदेशों की पालना में यूडीए ने आनन-फानन में 23 जुलाई को जीबीएच हॉस्पिटल पहुंचकर स्वीकृति से विपरीत हुए निर्माण में बॉयज हॉस्पिटल और नर्सिंग हॉस्टल की कुछ मंजिल सीज कर दी थी और हॉस्पिटल बिल्डिंग के ऊपर की मंजिल खाली करने के आदेश दिए थे। यूडीए की इस कार्रवाई से व्यथित होकर अमेरिकन इंटरनेशनल हेल्थ मैनेजमेंट ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका पेश की थी, इसके अलावा जीबीएच के पक्ष में छात्रों, मरीजों के परिजनों, जनप्रतिनिधियों और समाज जन ने भी विरोध प्रदर्शन कर यूडीए की आनन-फानन में की गयी इस कार्रवाई को अनुचित बताया था।
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