- पीएमसीएच में हुई सर्जरी : कंजेनाइटल एड्रीनली हाईपरलेसिया से ग्रसित थी मासूम
- दक्षिण राजस्थान में इस तरह की सर्जरी मरीजों के लिए उम्मीद की नयी किरण है
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। उदयपुर के भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल (PMCH) में 8 बर्षीय मासूम की सफल लिंग निर्धारण सर्जरी हुई है। इस सर्जरी से उसे न सिर्फ नया जीवन मिला है, बल्कि अब वह सामाजिक स्वीकार्यता के साथ सामान्य रूप से अपना जीवन जी सकेगी। दक्षिण राजस्थान में इस तरह की सर्जरी मरीजों के लिए उम्मीद की नयी किरण है।
PMCH के बाल एवं नवजात शिशु सर्जन डॉ. प्रवीण झंवर ने बताया कि 8 वर्षीय मासूम को मेडिकल समस्या होने से हॉस्पिटल की गहन चिकित्सा ईकाई में भर्ती किया गया था। जांच के दौरान पता चला कि बच्चे के आंतरिक अंग स्त्री के हैं, जबकि बाहरी संरचना लड़के की तरह है। मासूम कंजेनाइटल एड्रीनली हाईपरलेसिया से ग्रसित थी, इस आनुवांशिक बीमारी में ऑपरेशन के द्वारा मरीज लिंग निर्धारण किया जा सकता है। जननांग सर्जरी एक बहुत ही जटिल निर्णय है।
परिजनों ने बच्चे के लिए सही निर्णय लेते हुए जननांग सर्जरी की सहमति दी। लगभग चार घंटे के प्रयासों के वाद मासूम की सफल सर्जरी को चिकित्सकों ने अंजाम दिया। इस सर्जरी में बाल एवं नवजात शिशु सर्जन डॉ. प्रवीण झंवर, ऐनेस्थिशिया विभाग के डॉ. प्रकाश औदिच्य, डॉ. स्वाति शर्मा, डॉ. पुनीत जैन, डॉ. पलक जैन, सुभाष शर्मा, विष्णू, संजय एवं मनीष की टीम का सहयोग रहा।
किन्हीं 15 हजार बच्चों में किसी एक में इस तरह की बीमारी पायी जा सकती है
डॉ. प्रवीण झंवर ने बताया कि जन्मजात कंजेनाइटल एड्रीनली हाईपरलेसिया बीमारी गर्भावस्था के दौरान कुछ आवश्यक एंजाइमों की कमी के कारण जन्म लेने वाले नवजात को होती है। इन हार्मोन के असंतुलन से गंभीर बीमारी, असामान्य जननांग, प्रारंभिक यौवन, विकास संबंधी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
किन्हीं 15 हजार बच्चों में किसी एक में इस तरह की बीमारी पायी जाती है, साथ ही इस तरह की बीमारी में समय पर ऑपरेशन के साथ-साथ हॉर्मोनल थेरेपी देनी पड़ती है। बच्ची के परिजनों ने पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल, सभी चिकित्सकों, मैनेजमेंट, नर्सिंग कर्मियों और स्टॉफ के प्रति आभार व्यक्त किया। बच्ची अभी पूरी तरह से स्वस्थ्य है और उसको छूट्टी दे दी है।