विभाग के एसीएस डॉ.सुबोध अग्रवाल ने दिखाई सख्ती
जयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। जल जीवन मिशन के तहत पेयजल परियोजनाओं में लापरवाही बरतने वाली कॉन्ट्रेक्टर, फर्मों पर सख्ती शुरू हो गई है।
तय समयावधि में प्रोजेक्ट पूरे नहीं करने वाली कॉन्ट्रेक्टर फर्मों से जोधपुर में संचालित दो प्रोजेक्ट वापस ले लिए गए हैं। कार्य में लापरवाही बरतने वाली अन्य फर्मों को कड़ी चेतावनी दी गई है। काम में सुधार नहीं हुआ तो धीमी प्रगति वाली फर्मों से न केवल वर्तमान में चल रहे प्रोजेक्ट वापस लिए जाएंगे बल्कि उन्हें आगामी परियोजनाओं की निविदाओं से भी डिबार किया जाएगा।
शुक्रवार को जल भवन में वीसी के माध्यम से हुई समीक्षा बैठक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने इस मामले में सख्ती दिखायी। राजस्थान वाटर सप्लाई एवं सीवरेज मैनेजमेंट बोर्ड (आरडब्ल्यूएसएसएमबी) की वित्तीय समिति की बैठक में यह भी तय किया गया कि धीमी प्रगति वाली अन्य फर्मों से भी वर्तमान में चल रहे प्रोजेक्ट वापस लिए जाएंगे और उन्हें आगामी परियोजनाओं की निविदाओं से भी डिबार किया जाएगा।
एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि विभिन्न परियोजनाओं की धीमी प्रगति की जांच के आधार पर सबसे निचले पायदान पर रहने वाली फर्में आगे आने वाली परियोजनाओं की टेण्डर प्रक्रिया में एक से तीन साल तक के लिए भागीदारी नहीं कर पाएंगी। बैठक में मुख्य अभियंता (जल जीवन मिशन), आरके मीना मुख्य अभियंता (तकनीकी) दलीप गौड सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
एसलिए हुई सख्ती
एसीएस डॉ.अग्रवाल ने बताया कि जोधपुर के फलौदी व लोहावट ब्लॉक के 54 गांवों को 10,853 एफएचटीसी करने 56.40 करोड़ के कार्यादेश 26 अक्टूबर 2021 को मै.जियो मिलर एवं जयंती सुपर (जॉइंट वेंचर)को जारी हुए थे। 23 मई 2023 तक मात्र 30 फीसदी यानी 15.81 करोड़ के कार्य पूरे किए। मै. जियो मिलर एवं जयंती सुपर (जॉइंट वेंचर) को ही जोधपुर के मण्डोर, तिंवरी केरू एवं लूणी ब्लॉक के 38 गांवों में 14305 एफएचटीसी करने के लिए 55.60 करोड़ के कार्यादेश 9 सितम्बर, 2021 को जारी किए गए थे।
25 मई 2023 तक इस जॉइंट वेंचर ने केवल 13.66 करोड़ के कार्य यानि कुल कार्य का 27 फीसदी ही पूरा किया। दोनों प्रकरणों में अनुबंध रद्द कर रिस्क एंड कॉस्ट पर नई निविदा जारी कर कार्य कराने का आरडब्ल्यूएसएसएमबी की वित्तीय समिति की बैठक में निर्णय लिया गया।
लक्ष्य अनुरूप काम करों,नहीं तो डिबार करेंगे
लघु पेयजल परियोजनाओं में डॉण् अग्रवाल ने सबसे कम प्रगति वाली 8 फर्मों के प्रतिनिधियों से काम समय पर नहीं करने का कारण पूछा और विभिन्न चरण पूर्ण करने में फर्मों द्वारा लिए गए समय के बारे में जानकारी ली। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन फर्मों ने बिना किसी ठोस कारणों के लापरवाही पूर्वक देरी की है उन फर्मों को नई परियोजनाओं की निविदाओं से डिबार किया जाएगा।
एसीएस ने इन आठ फर्माें को सभी कार्य आगामी सितम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। कुछ फर्मों ने नलकूपों पर विद्युत कनेक्शन नहीं होने को भी देरी की वजह बताया। इस पर डॉ. अग्रवाल ने डिस्कॉम एमडी को पत्र लिखने एवं समन्वय स्थापित कर कनेक्शन जल्द करवाने को कहा।
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