प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान देवनारायण के 1111वें अवतरण महोत्सव में लिया भाग
भीलवाड़ा,(एआर लाइव न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को राजस्थान के दौरे पर रहे। उदयपुर होकर भीलवाड़ा के मालासेरी डूंगरी पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान देवनारायण मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद भगवान देवनारायण जी के 1111 वें अवतरण दिवस समारोह को संबोधित किया। (Pm Narendra Modi in devnarayan temple Bhilwara)
समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि आज इस पावन अवसर पर भगवान देवनारायण जी का बुलावा आया और जब भगवान देवनारायण जी का बुलावा आए और कोई मौका छोड़ता है क्या? मैं भी हाजिर हो गया। अभी मुझे यज्ञशाला में पूर्णाहूति देने का भी सौभाग्य मिला। भगवान देवनारायण भी ऐसे ऊर्जापुंज थे, अवतार थे, जिन्होंने अत्याचारियों से हमारे जीवन और हमारी संस्कृति की रक्षा की। देह रूप में मात्र 31 वर्ष की आयु बिताकर जनमानस में अमर हो जाना सर्वसिद्ध अवतार के लिए ही संभव है।
पीएम बोले आज ये भी बहुत जरूरी है कि हमारे गुर्जर समाज की जो नई पीढ़ी है, जो युवा हैं, वो भगवान देवनारायण के संदेशों को, उनकी शिक्षाओं को और मजबूती से आगे बढ़ाएं। ये गुर्जर समाज को भी सशक्त करेगा और देश को भी आगे बढ़ने में इससे मदद मिलेगी।
डेयरी प्लांट गोबर से पैदा होने वाली बिजली से ही चलें
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान देवनारायण ने गौसेवा को समाज सेवा का और समाज के सशक्तिकरण का माध्यम बनाया था। बीते कुछ वर्षों से देश में भी गौसेवा का ये भाव निरंतर सशक्त हो रहा है। गौ-कल्याण के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनाया गया है और पशुपालकों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है। पशुधन हमारी परंपरा, हमारी आस्था का ही नहीं, बल्कि हमारे ग्रामीण अर्थतंत्र का भी मजबूत हिस्सा है। देश में गोबरधन योजना भी चल रही है। ये गोबर सहित खेती से निकलने वाले कचरे को कंचन में बदलने का अभियान है। हमारे जो डेयरी प्लांट हैं, वे गोबर से पैदा होने वाली बिजली से ही चलें, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

पन्नाधाय व महाराणा प्रताप को भी किया याद
संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ये प्रेरणा स्थली, भारत के अनेक गौरवशाली पलों की व्यक्तित्वों की साक्षी रही है। तेजाजी से पाबूजी तक, गोगाजी से रामदेवजी तक, बप्पा रावल से महाराणा प्रताप तक, यहां के महापुरुषों, जननायकों, लोक-देवताओं और समाज सुधारकों ने हमेशा देश को रास्ता दिखाया है। इतिहास का शायद ही कोई कालखंड है, जिसमें इस मिट्टी ने राष्ट्र के लिए प्रेरणा ना दी हो। इसमें भी गुर्जर समाज, शौर्य, पराक्रम और देशभक्ति का पर्याय रहा है। राष्ट्र रक्षा हो या फिर संस्कृति की रक्षा, गुर्जर समाज ने हर कालखंड में प्रहरी की भूमिका निभाई है। यही नहीं, रामप्यारी गुर्जर, पन्ना धाय जैसी नारी शक्ति की ऐसी महान प्रेरणा भी हमें हर पल प्रेरित करती हैं। ये दिखाता है कि गुर्जर समाज की बहनों ने गुर्जर समाज की बेटियों नेए कितना बड़ा योगदान देश और संस्कृति की सेवा में दिया है।
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