2 लाख रूपए के भुगतान के लिए मांगी डेढ़ लाख रूपए रिश्वत
डूंगरपुर,(एआर लाइव न्यूज)। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर इंटेलीजेंस की टीम ने शुक्रवार को डूंगरपुर में कार्यवाही करते हुए दो बैंक मैनेजर मितार्थ श्रीमाली और विकास गुप्ता को डेढ़ लाख रूपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। खासबात यह है कि ये दोनों बैंक मैनेजर परिवादी से उसके 2 लाख रूपए के बिल का भुगतान करने की एवज में डेढ़ लाख रूपए रिश्वत ले रहे थे।
इसमें मितार्थ श्रीमाली दी डूंगरपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रधान कार्यालय में मैनेजर है, वहीं विकास गुप्ता सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की कनबा शाखा में कार्यवाहक मैनेजर है। मितार्थ श्रीमाली डूंगरपुर के शिवाजी नगर का रहने वाला है, वहीं विकास गुप्ता हरियाणा के सिरसा जिले का निवासी है और हाल डूंगरपुर के आदर्श नगर में किराए पर मकान लेकर रहता है।
मैनेजर ने परिवादी को रिश्वत राशि लेकर बैंक ब्रांच पर ही बुला लिया
एसीबी महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि परिवादी देवीलाल डामोर ने एसीबी की उदयपुर इंटेलीजेंस यूनिट को शिकायत दी थी। इसमें परिवादी ने बताया था कि वह खजूरी लेम्पस अध्यक्ष है। खजूरी लेम्पस के भवन निर्माण कार्य के लिए साल 2015-16 के बजट में सहकारिता विभाग द्वारा 10 लाख रूपये की राशि स्वीकृत हुई थी। उक्त भवन निर्माण के स्वीकृत बजट में शेष बची राशि 2 लाख रूपये के भुगतान का बिल पास करने की एवज में दी डूंगरपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के दो मैनेजर मितार्थ श्रीमाली 1 लाख 25 हजार और विकास गुप्ता 25 हजार रूपए रिश्वत मांगकर परेशान कर रहे हैं।
एसीबी डीएसपी दिनेश सुखवाल ने परिवादी देवीलाल डामोर की शिकायत का सत्यापन किया। शिकायत सही पायी जाने पर आज शुक्रवार को एसीबी टीम ने कनबा शाखा में कार्यवाही करते हुए बैंक मैनेजर मितार्थ श्रीमाली पुत्र भूपेन्द्र श्रीमाली को 1 लाख 25 हजार रूपए और विकास गुप्ता पुत्र श्रीकृष्ण गुप्ता को 25 हजार रूपये रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एसीबी टीम आरोपियों के घर सहित अन्य ठिकानों की तलाशी ले रहीं हैं।
ट्रेप करने वाली टीम : एसीबी डीआईजी राजेन्द्र प्रसाद गोयल के सुपरविजन में एसीबी डीएसपी राजेन्द्र मीणा, निरीक्षक हरीशचन्द्र सिंह, हेडकांस्टेबल मुनीर मोहम्मद, कांस्टेबल करण सिंह, टीकाराम, नंद किशोर, विकास नागदा और सुरेश कुमार की टीम ने यह ट्रेप किया है।