जन्मदिवस के अगले दिन बनीं राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार
नई दिल्ली,(एआर लाइव न्यूज)। राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। झारखंड की राज्यपाल रह चुकीं द्रौपदी मुर्मू अगर राष्ट्रपति चुनी जाती हैं, तो वे देश की पहली आदिवासी महिला होंगी, जो राष्ट्रपति पद से सुशोभित होंगी। द्रौपदी मुर्मू ने 25 साल के राजनीतिक सफर की पार्षद पद से शुरूआत की थी और विधायक, मंत्री, राज्यपाल बनने के बाद अब वे राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं।
जन्मदिवस का बेहतरीन तोहफा
- 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज में जन्मी द्रौपदी मुर्मू के लिए जन्मदिन से ठीक अगले दिन 21 जून को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होने से बेहतर तोहफा क्या होगा। 21 जून को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होने की घोषणा की थी।
- द्रौपदी मुर्मू संथाली आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने ओडिशा के भुवनेश्वर में रमा देवी महिला कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की। श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च में सहायक प्रोफेसर और ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में काम किया।
- 1997 में भाजपा में शामिल होने के साथ ही उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत हुई थी। इसी साल वे रायरंगपुर की पार्षद और क्षेत्र की उपाध्यक्ष भी चुनी गईं।
- 2000 के विधानसभा चुनावों में वह रायरंगपुर से विधायक चुनी गईं और राज्य में बीजद-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री बनीं। वे 2004 तक परिवहन और वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे महत्वपूर्ण विभागों की मंत्री रहीं।
- 2006-2009 के बीच मयूरभंज में भाजपा इकाई की जिला अध्यक्ष और भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रहीं।
- 2015 से 2021 तक वे झारखंड की राज्यपाल रहीं।
- द्रौपदी मुर्मू के निजी जीवन की बात करें तो उनका विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था। उनके दो बेटे, एक बेटी कुल तीन संतानें हुईं। मुर्मू के पति और दोनों बेटों की मृत्यु हो चुकी है। अभी परिवार में मुर्मू की एक बेटी है।

