युवा मोर्चा के अध्यक्ष पद से दायित्व मुक्त हुए के पिता ने दिया पत्र
उदयपुर(एआर लाइव न्यूज)। भुपालपुरा क्षेत्र में गुरुवार को हुई तलवारबाजी की घटना पर भाजपा युवा मोर्चा के शहर जिलाध्यक्ष सन्नी पोखरना को दायित्व मुक्त करने के बाद शनिवार को पोखरना के परिजन भी खुलकर सामने आ गए।
सन्नी के पिता विनोद पोखरना और सन्नी की पत्नि सहित परिवार के कई सदस्य शनिवार शाम पटेल सर्कल स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचे। शहर जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली को लिखित मेंं पत्र देकर सन्नी के पिता ने कहा कि मेरा पुत्र सही सलामत घर नहीं आया या उसके साथ कोई अनहोनी हुई तो पार्टी के जिलाध्यक्ष होने के नाते आप जिम्मेदार होंगे। क्यों कि आपके नेतृत्व में ही मेरा बेटा काम कर रहा था।
सन्नी के पिता ने शहर जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली, युवा मोर्चा के पूर्व शहर अध्यक्ष गजेंद्र भंडारी और युवा मोर्चा के महामंत्री हिमांशु बांगड़ी द्वारा सन्नी को टॉर्चर करने का खुलकर आरोप भी लगाया है। सन्नी की पत्नी ने भी आरोप लगाया है कि जब से सन्नी पोखरना को युवा मोर्चा का शहर अध्यक्ष बनाया तब से प्रताडि़त किया जा रहा था और उनको खुलकर काम भी नहीं करने दिया जा रहा था। सन्नी के ताऊजी निर्मल पोखरना ने भी सन्नी को संगठन में आए दिन टॉर्चर करने की शिकायत की।
कटारिया को भी पीड़ा बता चुका सन्नी,फिर न्याय नहीं किया
पार्टी कार्यालय पहुंचे सन्नी के पिता ने कहा कि जब से उनका बेटा युवा मोर्चा का शहर अध्यक्ष बना है। उसके बाद से उसको गजेंद्र भंडारी और उसके साथी परेशान कर रहे थे और मारने की धमकियां तक दे रहे थे। युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष ने हमेशा सन्नी के काम में बाधा पहुँचाने का काम किया। मंडल और शहर में युवा मोर्चा के समकक्ष कार्यक्रम कर कई दिनों से सन्नी को जलील करने का काम किया जा रहा।
सन्नी के पिता ने कहा कि दूखी होकर यह बात सन्नी ने मेरे को कई बार बतायी। शहर जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली और शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया को भी सन्नी परेशानी बता चुका है। उसके बावजूद उसे ही टॉर्चर किया जाता रहा। उस कारण ही दो दिन पहले यह घटना हुई।
मदनलाल सैनी के साथ दुव्र्यवहार करने वालों पर एक्शन क्यों नहीं हुआ ?
सन्नी के पिता ने जिलाध्यक्ष को दिए इस पत्र में 24 फरवरी 2019 को पटेल सर्कल स्थित भाजपा कार्यालय पर भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी के साथ हुए दूव्र्यव्हार का जिक्र भी किया है और सवाल उठाया कि आखिर उस मामले में कोई संज्ञान क्यों नहीं लिया गया?।