उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। अक्कल दाड़ के इंफेक्षन के कारण रोगी को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इस हालत में पहुंचे रोगी का जीबीएच जनरल हॉस्पीटल में उपचार करते हुए ठीक किया गया। यह रोगी जब हॉस्पीटल पहुंचे थे तब कोरोना पॉजीटिव थे, लेकिन उनकी हालत व रोग की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर्स ने उपचार को प्राथमिकता दी।
ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि नीमच निवासी राजकुमार गोयल को पिछले दिनों सांस श्वसन क्रिया लेने में दिक्कत हो रही थी। इस पर परिजन उन्हें बेडवास स्थित जीबीएच जनरल हॉस्पीटल लेकर पहुंचे थे। यहां पहुंचने पर उन्होंने दंत रोग विषेषज्ञ डॉ. वरदान माहेश्वरी को बताया कि इनके अक्कल दाड़ में इंफेक्शन फैल गया था और यह गले तक पहुंच गया था। इसकी वजह से उनके श्वास नली बंद हो गई थी। यहां जांच कराने पर पता चला कि रोगी कोरोना पॉजीटिव है, लेकिन उनकी स्थिति गला बंद होने से गंभीर बनी हुई है। उन्हें तत्काल राहत नहीं दी गई तो जान पर भी बन सकती है।
खराब गुर्दें और कार्डियक रोगी होने से इलाज में आईं चुनौतियां
रोगी के दोनों गुर्दे भी खराब है और हर दूसरे दिन डायलिसिस करना पड़ रहा है। वह कार्डियेक रोगी भी है जिससे उनके खून पतला करने की दवा भी चल रही है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए डॉ. वरदान माहेश्वरी, मोनिका भारद्वाज, गुर्दा रोग विषेशज्ञ डॉ. नीरज निराला की टीम ने उनका उपचार शुरू किया।
उनके गले में छेद करके श्वास लेने का नया रास्ता बनाकर तुरंत राहत प्रदान की। इसके बाद उनके गले व दाड़ तक इंफेक्शनग्रस्त हिस्से से करीब तीन लीटर मवाद निकाला गया और लगातार ड्रेसिंग की गई तथा डायलिसिस भी जारी रखी गई। अब रोगी कोरोना नेगेटिव हो गए और उन्हें ठीक कर डिस्चार्ज कर दिया गया। टीम में डॉ. वरदान माहेश्वरी के साथ डॉ. मोनिका भारद्वाज, गुर्दा रोग विषेषज्ञ डॉ. नीरज निराला, कमलेश और प्रकाश मौजूद रहे।