राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का वाकिया
जयपुर(एआर लाइव न्यूज)। जयपुर के बिडला अडिटोरियम में मंगलवार को हुए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में उस समय अजीब स्थिति बन गई जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाषण के दौरान शिक्षकों से पूछ लिया कि उन्हें तबादले के लिए क्या पैसे देने पड़ते है?। इसके जवाब में काफी शिक्षकों ने एक स्वर में बोल दिया कि हां तबादलों के लिए पैसे देने पड़ते है।
दरअसल गहलोत यह बोल रहे थे कि शिक्षक भी मनचाही जगह तबादले के लिए जनप्रतिनिधियों से सिफारिशें करवाते हैं। सुनने में तो यह भी आता है, कि मनचाही जगह तबादले के लिए शिक्षकों को भी पैसे तक देने पड़ते हैं। इसके बाद गहलोत ने मंच से ही सामने बैठे शिक्षकों से पूछ लिया कि क्या यह बात सही है?। इस पर काफी शिक्षकों ने एक स्वर में बोल दिया कि हां यह बात सही है। यह सुनकर गहलोत सहित मंच पर बैठे अन्य मेहमान भी हंसी नहीं रोक पाए।
गहलोत ने कहा कि यह दुखदायी बात है कि टीचर को भी ट्रांसफर के लिए पैसे देने पड़ते हो। ऐसे में एक ट्रांसफर पॉलिसी बन जाय कि ट्रांसफर में पारदर्शिता बनी रहे। समारोह में प्रदेश के 33 जिलों से तीन-तीन सवर्श्रेष्ठ शिक्षकों का चयन राज्य स्तरीय सम्मान के लिए किया गया। गहलोत ने प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में नामांकन संख्या लगभग एक करोड़ के आसपास पहुंचने पर शिक्षकों को बधाई दी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा पवन कुमार गोयल ने शिक्षकों का आव्हान किया कि पिछले डेढ़ साल में कोविड-19 के कारण बच्चों की पढ़ाई को हुए नुकसान को पूरा करने के लिए जी-जान से जुट जाएं। कायर्क्रम में तकनीकी एवं संस्त शिक्षा राज्य मन्त्री डाॅ. सुभाष गर्ग, उच्च शिक्षा राज्य मन्त्री भंवर सिंह भाटी एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी जारोली भी उपस्थित थे।
शिक्षा राज्य मंत्री डोटासरा को तत्काल यू देनी पड़ी सफाई
गहलोत के बोलने के बाद शिक्षा राज्य मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा ने माइक संभाला। उन्होंने कहा कि साहब (गहलोत) ने एक बात छेड़ी है तो मैं यह निवेदन करना चाहता हु, कि मेरे शिक्षा मंत्री रहते हुए अगर मेरे यहां स्टाफ में तबादलों के लिए एक चाय भी पी हो तो बता देना। डोटासरा ने कहा कि निश्चित रूप से मुख्यमंत्री का इशारा यह था कि ट्रांसफर के नाम पर कहीं न कहीं जेब कट जाती है। वो नहीं कटे इसके लिए शिक्षकों के तबादलों की नीति लागू हो जाए।
अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों की स्थापना शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम
अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों की स्थापना शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। इन स्कूलों के खुलने से गांव-ढाणियों में रहने वाले किसान, गरीब व मजदूरों के बच्चों का अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने का सपना साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि बचपन से अंग्रेजी सीखने वाले बच्चे बाद में दूसरों के मुकाबले में प्रतिस्पर्धा में पिछडते नहीं है। अंग्रेजी माध्यम से पढने वाले बच्चों के व्यक्तित्व में भी निखार आता है।
मुख्यमंत्री ने अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में अच्छी फैकल्टी लगाने के निदेर्श दिए और कहा कि ये स्कूल नाममात्र के अंग्रेजी माध्यम के स्कूल न बनें बल्कि वहां गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई भी हो।