झाला के नाम दिखावटी एकता थी या डांगी थे टारगेट पर..?
ये लोग दो-दो हजार वोट भी दिलवा देते बच जाती झाला की जमानत।
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। वल्लभनगर में 2013 के विधानसभा चुनाव और अब उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जमानत जब्त होने से कई सवाल खड़े होते नजर आ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि उदयलाल डांगी का टिकट कटवाने हिम्मत सिंह झाला के पक्ष में खड़े होकर भाजपा के 8 अन्य दावेदार एकजुटता का दम्भ भर रहे थे, वे सब मिलकर भी झाला को उतने वोट नहीं दिलवा पाए कि उनकी जमानत बच सकें।
टिकट वितरण से पहले 1 अक्टूबर को डबोक के एक रिसोर्ट में रायशुमारी करने आये पर्यवेक्षक वासुदेव देवनानी और अल्का गुर्जर के सामने 9 लोगो ने दावेदारी रखी थी। इनमें उदयलाल डांगी और हिम्मत सिंह झाला के अलावा आकाश वागरेचा, ललित मेनारिया, मदन सिंह कृष्णावत, धनराज अहीर, महावीर बया, मान सिंह और मनोहरलाल के नाम शामिल थे। हर हाल में डांगी का टिकट कटवाने और झाला के नाम इतने दावेदार एकमत हो गए। उसके बावजूद झाला को 21443 वोट (11.71 प्रतिशत) ही मिले।
वोटों की गणित को आधार मानकर विश्लेषण करें तो ये सभी दावेदार ताकत लगाकर चुनावी मैदान में पसीना बहाते और इनमें से एक-एक दावेदार झाला के पक्ष में दो-दो हजार वोट भी डलवा देता तो चुनावी बाजी पलट सकती थी और झाला की जमानत भी बच जाती। झाला को कुल वैध मतों (वैलिड वोट) के छट्ठे हिस्से जितने वोट भी नहीं मिलने से उनकी जमानत जब्त हो गई।
जिसका टिकट कटवाया वो ही डांगी भारी पड़ गया
भाजपा से टिकट कटने पर आरएलपी से चुनाव लड़े उदयलाल डांगी को 24.65 प्रतिशत वोट मिले हैं।जबकि कांग्रेस की प्रीति शक्तावत को 35.9 प्रतिशत,जनता सेना के रणधीर सिंह भींडर (निर्दलीय) को 23.94 प्रतिशत वोट मिले हैं।
जमानत जब्त होने में मेनारिया से भी बुरी स्थिति झाला की हुई
वल्लभनगर सीट पर 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी गणपत मेनारिया की जमानत जब्त हुई थीं, लेकिन तब भी उनको 12.73 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन इस उप चुनाव में तो भाजपा प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला को गणपत मेनारिया के बराबर वोट भी नहीं मिल पाए। 2013 के चुनाव में टिकट कटने से रणधीर सिंह भींडर भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े और विधायक भी बने।