जयपुर,(ARLive news)। राजस्थान सरकार ने मानदेय बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे प्रदेशभर के रेजिडेंट्स और इंटर्न डॉक्टर्स की मांग मान ली है। चिकित्सा विभाग ने वित्त विभाग की सहमति से सोमवार को आदेश जारी करते हुए इन डॉक्टर्स को दिए जाने वाले मानदेय में बढ़ोतरी की है। जिसके तहत महंगाई भत्ते (डीए) की वही दरें लागू होंगी जो राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम के तहत सरकारी कर्मचारी को दिया जाता है।
इंटर्न डॉक्टर्स (एमबीबीएस/बीडीएस) के लिए मानदेय की मौजूदा दर को संशोधित कर बढ़ा कर दोगुना कर दिया गया है। जबकि MBBS करने के बाद MS या MD की डिग्री ले रहे डॉक्टर्स के मानदेय में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की है। यह आदेश 1 जून से प्रभावी होगा।
इस प्रकार हुई बढ़ोत्तरी
इंटर्न डॉक्टर्स का मानदेय 7 से बढ़ाकर 14 हजार रुपए किया है। वहीं, सीनियर रेजिडेंट्स का स्टाइपेंड 61 हजार से 70,150 रुपए, एमडी/ एमएस फर्स्ट ईयर वालों का 48 हजार से 55,200 रुपए, सेकंड ईयर एमडी/ एमएस वालों का 51 हजार से 58,650 रुपए और फाइनल ईयर एमडी/ एमएस वालों का 53 हजार से 60,950 रुपए प्रतिमाह बढ़ाया गया है। इसके अलावा डीएम/एमसीएच फर्स्ट ईयर वालों का 55,000 से 63,200 रुपए, डीएम/एमसीएच सेकंड ईयर वालों का 57,000 से 65,550 रुपए, तथा डीएम/एमसीएच फाइनल ईयर वालों का 58,000 से 66,700 रुपए बढ़ाया गया है।
एक जून से हड़ताल की दी थी चेतावनी
पिछले लंबे समय से रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन और ऑल राजस्थान इंटर्न डॉक्टर्स एसोसिएशन अपने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इसके अलावा प्रदेशभर में डॉक्टर्स ने 21 मई को 2 घंटे कोविड ड्यूटी का बहिष्कार भी किया था। उसके बाद डॉक्टर्स और प्रशासन के अधिकारियों की एक बैठक हुई थी, जिसमें उनकी कुछ मांगों पर सहमति बनी थी। लेकिन आदेश जारी नहीं करने से नाराज डॉक्टर्स ने रविवार एक जून को फिर से हड़ताल की चेतावनी दी थी।