उदयपुर,(ARLive news)। उदयपुर जिले की स्पेेेशल टास्क फोर्स ने बुधवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में एक डॉक्टर और एमबीबीएस स्टूडेंट को एकलिंगपुरा चौराहा गिरफ्तार किया है। आरोपी ये इंजेक्शन 35000 रुपये में बेच रहे थे, जबकि इसकी एमआरपी 899 रुपये है। ये दोनों आरोपी उदयपुर के निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर और एमबीबीएस स्टूडेंट है।
एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा ने बताया कि डॉक्टर मोहम्मद अबीर खान पुत्र मोहम्मद अफजल खान उम्र 27 वर्ष निवासी सवीना और एमबीबीएस स्टूडेंट मोहित पुत्र शांतिलाल पाटीदार उम्र 21 वर्ष निवासी चिखली डूंगरपुर को गिरफ्तार किया गया है। ये कैडिला कंपनी के 899रुपये एमआरपी कीमत के रेमडेसीवीर इंजेक्शन को 35000 रुपये में बेच रहे थे।
कोविड पीड़ितों की मजबूरी का उठा रहे फायदा
कोरोना संक्रमण के गम्भीर मरीजों के लिए जीवन दायनी साबित हो रहा रेमडेसीवीर इंजेक्शन की पिछले दिनों जैसे ही डिमांड बढ़ी, तो अचानक से इसकी कमी हो गयी। इसका फायदा उठाकर कुछ लोगों ने इसकी कालाबाजारी शुरू कर दी। कोरोना संक्रमित की जान बचाने के लिए उसका परिवार हर कीमत चुकाने को तैयार हो जाता है। इसी मजबूरी का फायदा उठाकर परिजनों को ऐसे लोग इंजेक्शन एमआरपी से 40 गुना कीमत पर बेच रहे हैं।
पुलिस ने किया डिकॉय आपरेशन
उदयपुर पुलिस को जिले में इंजेक्शन की कालाबाजारी की लगातार सूचना आ रही थी। उस पर एसटीएफ टीम ने डिकॉय ऑपरेशन किया। एक पुलिस कर्मी ने इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे लोगों का पता किया। डॉक्टर अबीर से सम्पर्क हुआ। पुलिस कर्मी ने आम आदमी बनकर बात की और डॉक्टर अबीर से रेमडेसीवीर इंजेक्शन उपलब्ध करवाने को कहा। जिस पर डॉक्टर अबीर ने 35000 रुपये मांगे। डॉक्टर अबीर के साथ इस कालाबाजारी में मेडिकल स्टूडेंट मोहित पाटीदार भी शामिल था।
इंजेक्शन लेने आरोपियों ने बतौर आम आदमी बात कर रहे पुलिसकर्मी को एकलिंगपूरा चौराहा बुलाया। जहां आरोपी से जैसे ही सादा वर्दी पहने पुलिस कर्मी ने इंजेक्शन लिया, तत्काल से गिरफ्तार कर लिया गया।