AR Live News
Advertisement
  • Home
  • About us
  • National
  • Rajasthan
  • Udaipur
  • Uttar Predesh
  • Gujarat (Hindi)
  • International
  • Expert Articles
  • Rajsamand
  • Entertainment
  • Youtube
  • Photo Gallery
  • Contact us
No Result
View All Result
  • Home
  • About us
  • National
  • Rajasthan
  • Udaipur
  • Uttar Predesh
  • Gujarat (Hindi)
  • International
  • Expert Articles
  • Rajsamand
  • Entertainment
  • Youtube
  • Photo Gallery
  • Contact us
No Result
View All Result
AR Live News
No Result
View All Result
Home Home

राज्य में 6 माह में 8 मासूमों को बलात्कार के बाद मौत के घाट उतारा, हर दिन 5 बच्चे हो रहे दुष्कर्म का शिकार

सेशन कोर्ट हो, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट ऐसे मामलों के निस्तारण में इन्हें भी टाइमबाउंड होना होगा तभी समाधान संभव - किरण माहेश्वरी

arln-admin by arln-admin
December 2, 2019
in Home, National, Rajasthan, Udaipur
0
minor rape in rajasthan


Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लकी जैन,(ARLive News)। देश के हैदराबाद में प्रियंका रेड्डी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और जला कर हत्या कर देने के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, तो वहीं इसके अगले दिन रविवार सुबह राजस्थान के टोंक जिले में 6 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म और फिर उसकी स्कूल ड्रेस की बेल्ट से गला घोंट कर हत्या कर देने के सामने आए मामले ने राजस्थान की हकीकत भी सामने ला दी है। राजस्थान में बेटियां कितनी सुरक्षित हैं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि कि यहां 6 माह में 8 मासूमों को बलात्कार के बाद मौत के घाट उतार दिया गया। राजस्थान में हर दिन 5 बच्चे यौन दुराचार का शिकार हो रहे हैं।

राजस्थान के छह महीनों में 8 नाबालिग को यौन दुराचार के बाद मौत के घाट उतार दिया गया, इनमें एक भी बच्चा था, जिसे यौन दुराचार का शिकार बनाने के बाद मार दिया और आरोपी ने साक्ष्य तक मिटा दिए। 8 केस में आरोपी ने मासूम को अपनी हैवानियत का शिकार बनाने के बाद हत्या कर दी, तो वहीं जोधपुर और अजमेर में दो बच्चियों को दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने इतना डराया कि इस तकलीफ से निकलने का उनके सामने कोई रास्ता नहीं बचा और उन्होंने खुद ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार 01 दिसंबर 2018 से 15 जून 2019 के बीच नाबालिग के यौन दुराचार के बाद उनकी हत्या कर देने के मामले अलवर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, जयपुर उत्तर, जयपुर ग्रामीण, झालावाड़, झुंझुनू और टोंक जिले में सामने आए हैं।

छह महीने में 1010 बच्चियों के साथ दुष्कर्म

पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसारराजस्थान में 01 दिसंबर 2018 से 15 जून 2019 के बीच 1010 बच्चियों को यौन दुराचार का शिकार बनाया गया।

जिलेवार देखा जाए तो राज्य की राजधानी जयपुर ही बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं रहा है। यहां छह महीने में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के 98 मामले दर्ज हुए हैं, इसमें भी सबसे ज्यादा खराब हालात जयपुर ग्रामीण क्षेत्र की है, जहां छह महीने में बच्चों से दुष्कर्म के 35 मामले सामने आए हैं।

राजधानी के बाद राजस्थान का दिल कहा जाने वाले शहर अजमेर के हालात भी बेहद शर्मनाक हैं। छह महीने में यहां बच्चियों संग यौन दुराचार के 55 मामले दर्ज हुए। इसके अलावा अलवर में 45, हनुमानगढ़ में 44, सीकर में 42, पाली में 41 और उदयपुर में 39 मामले बच्चों के साथ दुष्कर्म के आरोप में आईपीसी की धारा 376 और पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं।

देश में भी राजस्थान की स्थित खराब

बच्चों के साथ हो रहे अपराध पर गौर करें तो राजस्थान की स्थित समुचे भारत के अन्य राज्यों की तुलना में काफी खराब हैं। बच्चों के साथ हो रहे अपराध की श्रेणी में राजस्थान 29 राज्यों व 7 केन्द्र शासित प्रदेशों में 8-वें नंबर पर आता है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों को देखा जाए तो 2017 में देश में बच्चों के साथ हुए अपराध के तहत 129032 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा यूपी में 19145, एमपी में 19038, दिल्ली में 7852, पश्चिम बंगाल में 6551, छत्तीसगढ़ में 6518, कर्नाटक में 5890, बिहार में 5386 और राजस्थान में 5180 मामले दर्ज हुए हैं।

फांसी का कानून ही काफी नहीं, फांसी मिले ये भी जरूरी है..!

एआर लाइव न्यूज रिपोर्ट ने डीजीपी भूपेन्द्र सिंह और राजसमंद विधायक व पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी से इन मामलों के नियंत्रण पर बात की। किरण माहेश्वरी ने बताया कि फांसी देने का कानून बनाना ही र्प्याप्त नहीं है। आरोपी को फांसी समय से मिले यह भी देखना होगा। मामले लंबे-लंबे समये से कोर्ट में लंबित हैं, मैं यह मुद्दा सरकार तक पहुंचाउगी। कोर्ट को भी ऐसे मामलों के निस्तारण में टाइम बाउंट होना चाहिए। वहीं डीजीपी भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि ऐसे लोग विकृत मानसिकता के होते हैं ये गांव मोहल्लों में होते हैं और इनकी हरकतें सामान्य नहीं होती, तो इन पर आमजन नजर रखें अैर अनदेखा न करें।

AR LIVE NEWS रिपोर्टर लकी जैन की राजस्थान के पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह से बातचीत

सवाल : ऐसे मामलो के नियंत्रण में पुलिस के क्या प्रयास हैं.?

जवाब : पुलिस त्वरित कार्यवाही कर आरोपी की गिरफ्तारी कर, इन मामलों को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने का प्रयास कर रही हैं। इसके अलावा पुलिस आमजन विशेषकर युवाओ को अवेयर कर इन मुद्दों पर संवेदनशील बनाने का प्रयास भी कर रही है।

सवाल : दुष्कर्म एक विकृत मानसिकता है, इसका क्या समाधान है.?

जवाब : यह बात सही है, कि बच्चियों-महिला से दुष्कर्म कर इनकी निर्मम हत्या करने के जो मामले सामने आ रहे हैं ऐसे लोग लोग विकृत मानसिकता के होते हैं। ऐसे लोग आस-पड़ोस और गांव, मौहल्ले में होते हैं, इनकी नॉर्मल हरकतें भी सामान्य नहीं होती हैं। ऐसे में परिवार, समाज के लोग सतर्क, जागरूक रहें, ऐसे लोगों पर नजर रखें और इनकी गतिविधि पर ध्यान रखें व कुछ भी गलत दिखे तो उसे अनदेखा न करें, पुलिस को सूचित करें।

सवाल : सरकार ने बच्चियों से दुष्कर्म और हत्या के निर्मम मामलों में फांसी देने का कानून बनाया। लेकिन क्या ये कारगर साबित हुआ.?

जवाब :ऐसे मामलों में फांसी की सजा जिन आरोपियों को सुनायी गयी थी, उन्हें फांसी मिली या नहीं या केस कोर्ट में लंबे समय से लंबित है, यह सभी लीगल प्रक्रिया है, इस पर बतौर पुलिस ऑफिसर मैं कोई कमेंट नहीं कर सकता।

AR LIVE NEWS रिपोर्टर की राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी से बातचीत

सवाल : ऐसे मामलों के नियंत्रण के लिए क्या किया जाना चाहिए.?

जवाब : इन मामलों में आरोपियों को कम से कम समय में कड़ी से कड़ी सजा नहीं दी जाएगी, इनमें ऐसे घिनौने कृत्यों के प्रति डर नहीं पैदा होगा।

सवाल : केन्द्र सरकार ने ऐसे मामलों में फांसी की सजा का कानून बनाया। फांसी की सजा सुनायी भी गयी, लेकिन फांसी हुई किसी को नहीं.?

जवाब : केन्द्र सरकार ने ऐसे मामलों में फांसी की सजा का कानून बनाया, लेकिन सजा देने का काम कोर्ट का होता है। ऐसे मामलों की सुनवायी और निस्तारण में न्यायपालिका को भी टाइम बाउंड होना चाहिए।

सवाल : राजसमंद के ही वर्ष 2013 में बच्ची से हुए दुष्कर्म, हत्या का मामला लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहा है.? मामले में सेशन कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई, हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा लेकिन इतने सालों बाद भी मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहा है.? आरोपी जयपुर सेंट्रल जेल में है,उसे अभी तक फांसी नहीं दी गयी है, इसका क्या समाधान है.?

जवाब : राजसमंद के इस केस में जल्द से जल्द जांच, चालान और सेशन कोर्ट से भी जल्द निस्तारण में मैंने पूरी ताकत लगा दी थी। कुछ महीनों में ही सेशन कोर्ट ने मामले के आरोपी को फांसी की सजा सुना दी थी। लेकिन इतने सालों बाद भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तो यह देखना होगा। इतने सालों तक मामले लंबित रहेंगे तो अपराधियों में ऐसे घिनौने कृत के प्रति डर कैसे पैदा होगा। सुप्रीम कोर्ट को भी ऐसे मामलों के निस्तारण के लिए समय सीमा तय करनी चाहिए। मैं यह मुद्दा केन्द्र सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करूंगी।

राजस्थान में 1 दिसंबर 2018 से 15 जून 2019 के बीच बच्चों के साथ दुष्कर्म के दर्ज मामले (AR Live News ने डाटा एनालिसिसि कर राज्य के हर जिले की स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया है।)

  • अजमेर : 55
  • चित्तौड़गढ़ : 33
  • चूरू : 29
  • झालावाड़ : 24
  • झुंझुनू : 33
  • टोंक : 37
  • पाली : 41
  • बीकानेर : 34
  • सिरोही : 19
  • अलवर : 45
  • उदयपुर : 39
  • करौली : 16
  • कोटा : 37 (कोटा ग्रामीण-22, कोटा शहर-15)
  • जयपुर : 98 (ग्रामीण-35, उत्तर-12, दक्षिण-16, पश्चिम-24, पूर्व-11)
  • जालोर : 22
  • जीआरपी जोधपुर : 3 (बीकानेर-1, रतनगढ़-1, जोधपुर-1)
  • जैसलमेर : 12
  • जोधपुर : 35 (ग्रामीण-13, पश्चिम-12, पूर्व-10)
  • डूंगरपुर : 20
  • दौसा : 15
  • धोलपुर : 18
  • नागौर : 25
  • प्रतापगढ़ : 26
  • बारां : 20
  • बांसवाड़ा : 34
  • बाड़मेर : 22
  • बूंदी : 14
  • भरतपुर : 38
  • भीलवाड़ा : 20
  • राजसमंद : 19
  • श्रीगंगानगर : 34
  • सवाईमाधोपुर : 13
  • सीकर : 42
  • हनुमानगढ़ : 44  
Tags: #rajasthan#RajasthanRapeAndMurderCase#RapeAndMurderCase#RapeCase#RapeWithMinorrapeudaipur

visitors

arlivenews
  • Home
  • About us
  • National
  • Rajasthan
  • Udaipur
  • International
  • Expert Articles
  • photo gallery
  • Entertainment
  • Privacy Policy
  • Archives
  • Contact us

© 2019 All Rights Reserved by ARLive News .

No Result
View All Result
  • Home
  • About us
  • National
  • Rajasthan
  • Udaipur
  • Uttar Predesh
  • Gujarat (Hindi)
  • International
  • Expert Articles
  • Rajsamand
  • Entertainment
  • Youtube
  • Photo Gallery
  • Contact us

© 2019 All Rights Reserved by ARLive News .

error: Copy content not allowed