उदयपुर,(ARLive news)। जिले की हिरणमगरी थाना पुलिस ने 350 से ज्यादा चोरियां करने वाले इंटर-स्टेट गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सरगना सहित चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने दस महीनों में उदयपुर, जयपुर, नाथद्वारा सहित राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यमप्रदेश और गुजरात के विभिन्न बड़े शहरों के फ्लैट्स में 350 से ज्यादा चोरियां करना कबूला है।
एसपी कैलाश चन्द्र विश्नोई ने बताया कि आरोपी यूपी के बरेली निवासी है। गिरोह सरगना बरेली निवासी शहजाद अखतर उर्फ राजा(52) पुत्र मोहम्मद अखतर, जुबैर खान(29) पुत्र अली हुसैन, सरफराज रजा(64) पुत्र साहिद हुसैन और मुलतः बरेली हाल सुभाष चौक जयपुर निवासी अजहर अली(29) पुत्र सैयद जुरकेन अली को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की गिरफ्तारी में हिरणमगरी के हेडकांस्टेबल विक्रम सिंह और कांस्टेबल उपेन्द्र सिंह की मुख्य भूमिका रही है।
आरोपियों के कब्जे से आधा किलो सोना, ढाई किलो चांदी, 48 हजार रूपए नगद, लग्जरी होंडा सिटी कार एवं विदेशी करंसी बरामद हुई है। आरोपियों की कार होंडा सिटी से फर्जी नंबर प्लेट भी बरामद हुई हैं। आरोपियों ने उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात के विभिन्न शहरों में 350 से अधिक फ्लैट चोरी करना कबूला है। जयपुर में एक ही दिन में 25 चोरियों को अंजाम दिया था। जयपुर में करीब 40, नाथद्वारा में 18 लाख की बड़ी चोरी, उदयपुर के 4 फ्लैट में चोरी सहित आगरा, इलाहबाद, लखनफ, कानपुर सहित बिहार के पटना में चोरियां कबूल की हैं।
इन चोरों का ऑफिस टाइम था सुबह 10 से शाम 4
एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा ने बताया कि ये चोर अपार्टमेंट और सोसायटी में घुसने के लिए वेल एजुकेटेड और वेल विहेब्ड बनकर जाते थे। कपड़े एग्जीक्यूटिव जैसे पहनते, कभी डॉक्टर का एप्रेन और गले में स्टेथोस्कोप डाल लेते और हाथ में हमेशा एक मेडिकल फाइल रखते थे। चोरी ये सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच ही करते थे। कोई पूछ ले तो कोई भी नाम लेकर पूछ लेते थे कि फला आदमी यहीं रहता है। सामने वाला न बोलता तो उससे हाथ मिलाकर वेल विहेब कर वहां से लौट जाते थे।
खाली फ्लैट में ही करते थे चोरी, सिर पर विग लगाकर आते
डीएसपी राजीव जोशी ने बताया कि चोरी के लिए ऐसे अपार्टमेंट और सोसायटी की तलाश करते थे, जहां गार्ड नहीं हो और सीसीटीवी कैमरे भी नहीं दिखे। तीन बदमाशों के सिर पर नाममात्र के बाल हैं, लेकिन जब ये चोरी करने निकलते थे तो सिर में विग पहनकर ही जाते थे। ताकि एकदम पहचान में नहीं आएं। किसी भी बंद लगने वाले फ्लैट की तीन बार घंटी बजाते थे। अगर कोई अंदर से आ जाए तो उससे किसी भी व्यक्ति का नाम लेकर बहाना बनाकर वहां से निकल जाते थे। कोई नहीं निकले तो फ्लैट खाली होने पर एक मिनट में गेट का ताला तोड़ आधा घंटा में चोरी को अंजाम देकर निकल जाते थे।
लालच में एक दिन और उदयपुर रूक गए तो धरे गए
थानाधिकारी हनुवंत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि ये चारों बदमाशों ने चारों राज्यों को ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ, साउथ जोन कर बांटा हुआ था। जिस ओर जाते, उसके रूट में आने वाले सभी बड़े शहरों जहां फ्लैट कल्चर हो उनमें एक दिन रूकते। एक के बाद एक दिन में सात-आठ फ्लैट में चोरी करते और जब तक पीड़ित घर लौअे तब तक शाम तक शहर छोड़ देते थे।
उदयपुर में 27 नवंबर को एक साथ शहर के चार फ्लैट में चोरी करने के बाद ये चारों ने अगले दिन भी चोरी की योजना बनायी और उस रात शहर छोड़ने के बजाए उदयपुर में रूक गए। चोरियों की एक के बाद एक रिपोर्ट आयीं तो टीम एक्टिव हो गयी, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन तलाशी। संदिग्ध गाड़ी की नंबर प्लेट तो फर्जी निकली, लेकिन यह गाड़ी अगले दिन ही हेडकांस्टेबल विक्रम सिंह के रडार में आ गयी। विक्रम सिंह ने मौके पर जाकर इस गाड़ी को रूकवाया, इन बदमाशों को बातों में उलझाया और तत्काल जाब्ते को बुलाकर पकड़ लिया।