नई दिल्ली,(ARLive news)। मोदी सरकार ने कश्मीर को लेकर कई दिन दिनों से चल रही चर्चाओं के बाद सोमवार को ऐतिहासिक फैसला ले ही लिया। है। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया, शाह के संकल्प पत्र पेश करते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।
बिल के पेश होने के बाद से ही विपक्षी नेता सदन में हंगामा कर रहे हैं। जिसके कारण सदन को थोड़ी देर के लिए स्थगित करना पड़ा। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद में कश्मीर में कर्फ़्यू और पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद करने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पहले कश्मीर के हालात पर चर्चा होनी चाहिए।
सरकार ने इस निर्णय से पहले आधी रात से पूरे जम्मू-कश्मीर में धारा 144 लागू कर दी है। कश्मीर घाटी और जम्मू में कर्फ्यू लगा दिया गया है। राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर के प्रमुख नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। जिसमें उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित तमाम नेता शामिल हैं।
आधी रात को जम्मू-कश्मीर में केबल टीवी, इंटरनेट सेवाएं, मोबाइल सेवाएं, ब्राडबैंड सेवाएं बंद कर दी गयी है। अधिकारियों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं। इस बीच राज्य के सारे होटलों को सलाह दी गयी है कि आज 12 बजे तक पूरी तरह से खाली करा दिए गए हैं। स्कूल-कालेज बंद कर दे गए हैं। सारी परीक्षाएं रद्द कर दी गयी हैं। राज्य के अस्पतालों को आपात हालात के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया। राज्य में पहले से ही लगभग 40 हजार से ज्यादा अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। थानों में भी केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं।