चंडीगढ़,(ARLive news)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफे पर मुहर लगाए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी के वह सभी विधायक एकाएक सक्रिय हो गए हैं, जो सिद्धू द्वारा बिजली मंत्री का ओहदा नहीं संभालने के चलते पिछले एक महीने से इस पद पर नजरें टिकाए हुए थे और कैप्टन तक पहुंच बनाकर इस पद के लिए दावेदारी पेश कर रहे थे।
सिद्धू के इस्तीफे के बाद खाली हुए बिजली मंत्री के पद पर मुख्यमंत्री किसी को नियुक्त करेंगे या यह विभाग भी वे अपने अधीन ही रख लेंगे, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता क्योंकि मुख्यमंत्री ने फिलहाल यह विभाग अपने पास रखने का एलान किया है।
फिर भी, पार्टी सूत्रों के अनुसार, बिजली मंत्री के पद की दौड़ में सबसे आगे कैप्टन के ही करीबी और उनकी कैबिनेट में बिजली मंत्री रह चुके राणा गुरजीत सिंह का नाम सबसे आगे हैं। राणा गुरजीत को रेत खड्डों की नीलामी के मामले में उठे विवाद के चलते बिजली मंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। पता चला है कि राणा गुरजीत सिंह फिर से अपना खोया हुआ ओहदा हासिल करने की तैयारी में जुट गए हैं।