कोलकाता,(ARLive news)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल होने की सहमति के बाद अब इनकार कर दिया। ममता ने ट्विटर पर जारी बयान की प्रति साझा करते हुए लिखा कि शपथ ग्रहण लोकतंत्र की महत्वपूर्ण परंपरा है, लेकिन इसे राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
ममता ने पीएम मोदी को लिखे पत्र को अपने ट्विटर अकाउंट से भी शेयर किया है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘लोकतंत्र के उत्सव का जश्न मनाने के लिए शपथ ग्रहण एक पवित्र मौका होता है। यह ऐसा मौका नहीं है जिसमें किसी दूसरी पार्टी को महत्वहीन बनाने की कोशिश की जाए।
शपथ ग्रहण का राजनीतिक फायदे के लिए हो रहा इस्तेमाल
प्रधानमंत्री को काफी तल्ख भाषा में लिखे पत्र में ममता ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपको बधाई! ‘संवैधानिक आमंत्रण’ पर मैंने शपथ ग्रहण में शामिल होने का फैसला किया था। हालांकि, पिछले कुछ घंटे में मीडिया रिपोर्ट में मैंने देखा कि बीजेपी दावा कर रही है कि बंगाल में 54 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। यह पूरी तरह से झूठ है। बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है। संभव है कि यह हत्या पुरानी रंजिश, पारिवारिक झगड़े या फिर किसी और रंजिश में हुई हो। इसमें राजनीति का कोई संबंध नहीं है और न ही हमारे रेकॉर्ड में ऐसा कुछ है। इसलिए, मैं क्षमा चाहती हूं नरेंद्र मोदी जी, इसने मुझे मजबूर कर दिया है कि मैं शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहूं।
शपथ ग्रहण समारोह को लोकतत्रं का पवित्र अवसर बताते हुए उन्होंने लिखा, शपथ ग्रहण समारोह लोकतंत्र के उत्सव का पवित्र मौका होता है। यह किसी दूसरी पार्टी के दर्जे को कम करने के लिए नहीं होता है और न ही किसी अन्य पार्टी के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध निकालने का मौका होता है। कृप्या मुझे क्षमा करें।
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों को बुलाए जाने की खबरें मीडिया में हैं। ममता ने उन्हीं कार्यकर्ताओं के परिजन को बुलाने पर आपत्ति जताई। टीएमसी सुप्रीमो का कहना है कि बीजेपी इसे राजनीति के मौके के तौर पर प्रयोग कर रही है। बंगाल की सीएम ने अपने पत्र में यह भी दावा किया कि बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है। पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी नतीजों के दिन जीत के बाद बंगाल और केरल में मारे गए कार्यकर्ताओं को जीत समर्पित की थी।