8000 करोड़ का गबन : देशभर से की 11 गिरफ्तारियां
राजस्थान,(ARLive news)। आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के 8 हजार करोड़ रूपए के गबन का खुलासा होने के बाद राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने गुजरात सहित देश के विभिन्न शहरों में छापेमारी कर 11 पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है। खासबात यह है कि इन गिरफ्तारियों के साथ ही आदर्श क्रेेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के मुकेश मोदी की बेटी, दामाद, करीबी महिला मित्र, भाई, भतीजा सहित सभी सलाखों के पीछे आ गए हैं।
राजस्थान एसओजी से प्राप्त जानकारी के अनुसार टीम ने देश के विभिन्न शहरों में छापेमारी कर आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के एक्स-चेयरमैन वीरेन्द्र मोदी (भाई), कमलेश चौधरी, चैयरमैन ईश्वर सिंह सिंधल, एक्स-एमडी प्रियंका मोदी (बेटी), सीनियर वाइज प्रेसीडेंट वैभव लोढ़ा (दामाद), सीएफओ समीर मोदी (भतीजा), असिस्टेंट एमडी रोहित मोदी, आदित्य मेगा प्रोजेक्ट के डायरेक्टर भरत मोदी (भाई), टेकटोनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के डायरेक्टर भरत दास वैष्णव, आदर्श क्रेडिट की एक्स-एमडी ललिता राजपुरोहित (महिला मित्र) और आदर्श क्रेेडिट की छह कंपनियों के डायरेक्टर विवेक पुरोहित को गिरफ्तार किया है। इनमें एसओजी उदयपुर की टीम ने समीर और ललिता को गुजरात से गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि आदर्श क्रेडिट के 8000 करोड़ के गबन का खुलासा होने के बाद मुकेश मोदी और भतीता राहुल मोदी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। इन 11 गिरफ्तारियों में मुकेश के दोनों सगे भाई वीरेन्द्र और भरत, भरत का बेटा समीर, मुकेश की बेटी प्रियंका-दामाद वैभव गिरफ्तार हो चुके है।
जानिए कैसे निवेशकों की गाढ़ी कमाई की एक ही परिवार में हुई बंदरबांट
एसओजी अधिकारियों ने बताया कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की 28 राज्यों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में 806 शाखाएं हैं। इनमें 309 तो सिर्फ राजस्थान में ही हैं। आदर्श क्रेडिट ने इनमें 20 लाख सदस्य बनाकर करीब 10 लाख निवेशक सदस्य बनाए। निवेशकों के गाढ़ी कमाई के करीब 8000 करोड़ रूपए निवेश हासिल कर अपनी शेल कंपनियों और फर्म में निवेशित कर निवेशकों के धन का दुर्विनियोग किया। सगे भाई मुकेश मोदी और वीरेन्द्र मोदी ने 270 करोड़ रूपए तो बेटी, दामाद, बेटे को गैर कानूनी तरीके से दे दिए, जिसमें वहीं पत्नी और दामाद को बिना किसी कार्य किए मात्र एडवाइजर दिखाकर 3 वर्षों में 720 करोड़ का भुगतान कर दिया।
एसओजी ने आईपीसी की धारा 406, 409, 420, 467, 468, 471, 477ए और 120बी में मामला दर्ज कर अनुसंधान किया।
14,682 करोड़ 24 लाख 42 हजार 239 रूपए शेल कंपनियों पर बकाया
अनुसंधान में पाया कि आदर्श क्रेडिट के मोदी परिवार ने अपने परिवारजन, मित्रों के नाम से शेल कंपनीज शुरू की और इनके 187 ऋण खातों में 20 लाख निवेशकों की निवेष राषि का 99 प्रतिशत हिस्सा बिना किसी गारंटी के ऋण के नाम से दे दिया। इन शेल कंपनियों की अर्जित संपत्तियों को मूल्य अपने अकाउंट में कई गुना बताया और इनको गिरवी भी नहीं रखा। आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी का इन शेल कंपनियों के 187 ऋण खातों पर 14,682 करोड़ 24 लाख 42 हजार 239 रूपए रूपए बकाया चल रहे हैं। अब जब अधिकांश निवेशक अपनी निवेश राशि मांग रहे हैं तो किसी का भुगतान नहीं कर रहे है।
निवेशकों के 223 करोड़ रूपए शेयर एप्लीकेशन मनी में जमा करने बताए
एसओजी अधिकारियों ने बताया कि आदर्श क्रेडिट की शेल कंपनियों के पास 31 मार्च 2016 तक 223 करोड़ 77 लाख 50 हजार रूपए कैश थे। इसके तुरंत बाद जब भारत सरकार ने नोटबंदी लागू की तो आदर्श क्रेडिट ने यह राशि शेयर एप्लीकेशन मनी के रूप में जमा करना दिखाया। जबकि अनुसंधान में पाया गया कि यह राशि सोसायटी को कभी प्राप्त ही नहीं हुई है।