नई दिल्ली, (ARlive news)। रणनीतिक और रक्षा समझौतों से लेकर कॉम्बैट एक्सरसाइज में भी भारत न सिर्फ अमेरिका और रूस के साथ, बल्कि तीसरी बड़ी शक्ति चीन के साथ भी सैन्य संबंधों में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है।
इसी के तहत भारत और चीन के बीच डोकलाम के चेंगदु मिलिटरी रीजन में 10 से 23 दिसंबर के बीच युद्धाभ्यास होगा। यहां तक कि इस साल के अाखिर तक भारत पी-5 (अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन) के साथ ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और आसियान देशों (सिंगापुर, वियतनाम, मलयेशिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड) के साथ भी अभ्यास कर चुका होगा। नौसेना के अधिकारी ने बताया, ‘मुझे नहीं लगता कि किसी अन्य देश ने इतने बड़े स्तर पर इतने देशों के साथ युद्धाभ्यास किया होगा। इस तरह के युद्धाभ्यास से रणनीतिक सहयोग, मिलिटरी संबंध और आत्मविश्वास बढ़ता है। भारत की सेनाएं अमेरिका, रूस और चीन के साथ सैन्य अभ्यास करने वाली हैं।
भारत और अमेरिका की एयरफोर्स के बीच 3 से 14 दिसंबर तक पश्चिम बंगाल के कलाइकुंडा और अर्जन सिंह एयरबेस में युद्धाभ्यास होगा। इसमें भारतीय वायुसेना सुखोई-30एमकेआई, जगुआर, मिराज-2000 जैसे एयरक्राफ्ट के साथ उतरेगा। भारत की वायुसेना रूस की सेना के साथ जोधपुर में ‘अवलेंद्रा’ युद्धाभ्यास करेगी। यह अभ्यास 10 से 22 दिसंबर तक होगा। इससे पहले ऐसा युद्धाभ्यास भारत और रूस ने सितंबर में रूस के लाइपटेक में किया था। इस दौरान भारत और चीन भी ‘हैंड इन हैंड’ एक्सरसाइज करेंगे। यह अभ्यास 10 से 23 दिसंबर तक होगा। इससे पहले डोकलाम विवाद की वजह से भारत और चीन के बीच युद्धाभ्यास रोक दिए गए थे। यही नहीं, रूस के युद्धपोत दिसंबर में गोवा पहुंचने वाले हैं। वहीं भारत और यूके की नौसेनाएं अभी गोवा में ‘कोंकण’ युद्धाभ्यास कर रहे हैं।
न्यूज सोर्स : जीएनएस न्यूज एजेंसी