वन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से मंगलवार को उदयपुर में ट्री थैरेपी (वृक्षों से चिकित्सा) की शुरूआत हुई। शहर के आॅक्सीजन जोन माने जाने वाले गुलाब बाग में गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने पेड़ों से लिपट कर इस थैरेपी की शुरूआत की। कटारिया पेड़ से ऐसे लिपट गए, मानो कोई बच्चा मां से लिपट गया हो। अधिकारियों ने बताया कि इस थैरेपी की खासियत ही यह है कि इसमें पेड़ का स्पर्श ही उर्जा देता है।
कटारिया के साथ अलग-अलग पेड़ों पर महापौर चन्द्र सिंह कोठारी, कलेक्टर बिष्णु चरण मल्लिक, सीसीएफ इन्द्रपाल सिंह मथारू, डीएफओ ओपी शर्मा, आरके जैन सहित स्काउट स्टूडेंट और लोगों ने पेड़ों से लिपट कर ट्री थैरेपी ली। डीएफओ ओपी शर्मा ने बताया कि गांधी जयंती के 150वीं वर्षगांठ पर ट्री थैरेपी की शुरूआत की गई है। इसे जीवनशैली में सम्मिलित करने के कई फायदे है। वृक्षों से मिलने वाले परिचित लाभों के अतिरिक्त यह वृक्षों के लाभ का एक नया आयाम है जो कि आने वाले समय में मानव व वनस्पति जगत परस्पर सहयोग को परिभाषित करेगा।
जानिए ट्री थैरेपी
ट्री थैरेपी पद्धति से जापान जैसे देश में 1980 से एक जाना पहचाना नाम है तथा वहाँ पर 62 स्थल चिन्ह्ति हैं, जहां आम नागरिक इस पद्धति से शारीरिक एवं मानसिक लाभ ले रहा है। इस पद्धति के अन्तर्गत शांत जंगल में नंगे पैर पैदल चलनाए जंगल की आवाज को सुननाए वहाँ की प्राकृतिक गंध को महसूस करना तथा पेडों को अपनी बाहों में लेकर उसके कम्पन्न महसूस करना आदि क्रियाएं सम्मिलित है।
इस पद्धति से शरीर में विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रिया होती है जिससे तनाव कम होना, रक्तचाप कम होना, एक गहरी शांति और खुशी प्राप्त होती हैं। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा अवसाद कम होता है।
वैज्ञानिकों का मत है कि इन प्रक्रियाओं का प्रभाव वृक्ष से निकलने वाले फोटोनसाईट्स अणुओं के कारण होता है जिसे त्वचा एंव श्वसन तंत्र द्वारा शरीर ग्रहण करता है।
महात्मा गांधी की याद में लगाया पौधा
कटारिया ने गुलाबबाग में पितृ स्मृति कुंज में महात्मा गांधी की याद में एक पौधा लगाया, इनके बाद अन्य अतिथियों, अधिकारियों और नागरिकों ने भी पितृ की याद में पौधरोपण किया। सभी ने रोपित पौधे की देखरेख के लिए 1000 रूपए प्रति पौधा भी जमा करवाया। सकता है।