पिता के जेल से आने के बाद होगा अन्तिमसंस्कार
पार्षद पर लगे आरोपों में आ रहा विरोधाभास
पुलिस की जांच शुरू होने से पहले ही महेन्द्र यह दावा कर रहा है कि पार्षद और पार्षद पुत्र की मोबाइल लोकेशन घटनास्थल की नहीं आएगी, लेकिन वे मौके पर हमलावरों में शामिल थे। सवाल यह है कि जांच हुए बगैर महेन्द्र को यह बात कैसे पता है कि आरोपी पार्षद और उसके बेटे की कॉल लोकेशन घटनास्थल की नहीं आएगी। हालां कि महेन्द्र यह तर्क दे रहा है कि आरोपियों ने सोची-समझी साजिश के तहत वारदात को अंजाम दिया है और खुद को बचाने के लिए वे मोबाइल लोकेशन कहीं और की दिखाएंगे।
मेरा बेटा तो आज उदयपुर में ही नहीं था घटनास्थल पर कैसे होगा
पार्षद रमेश चंदेल ने बताया कि मैं कल शाम को महाकाल मंदिर गया था और वहां से लौटने के बाद घर पर ही था, कहीं गया ही नहीं हूं। वहीं मेरा बेटा दीपक अपने मामा के घर सगाई समारोह में बाहर गया हुआ है, वह उदयपुर में ही नहीं था, तो घटनास्थल पर कैसे हो सकता था। हम लोग सुनील लोट के रिश्तेदार हैं, इसलिए हमें फंसाने के लिए मृतक के परिजन हम पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।