
जयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। केंद्रीय जाँच ब्यूरो सीबीआई ने मंत्रालयिक अधिकारियों और उच्च अधिकारियों के कथित हाई-प्रोफाइल दो दलालों अजीत कुमार पात्रा और मिंकू लाल जैन को धरदबोचा है। दोनों मिलकर रिश्वतखोरी का ऐसा ऐसा रैकेट चला रहे थे, जिसमें किसी अधिकारी-कर्मचारी को ट्रांसफर-पोस्टिंग करवानी हो या विभागीय जांच में बचना हो या किसी व्यवसायी पर हुई किसी कार्रवाई के दौरान मैटर सैटल करवाना हो, ये दोनों हर प्रकार के मामले का समाधान करने का दावा कर उच्च अधिकारियों के नाम पर रिश्वत में अच्छी-खासी रकम वसूलते थे। CBI arrest two high-profile broker, bust bribery racket and FIR against 5 including Jaipur businessman
गिरोह की भनक लगने पर सीबीआई ने इन दोनों सहित इनसे जुड़े लोगों को सर्विलांस पर लिया हुआ था। सीबीआई की इस कार्रवाई में आरोपियों के हवाला चैनल का भी खुलासा हुआ है।सीबीआई ने नई दिल्ली निवासी अजीत कुमार पात्रा, गाजियाबाद निवासी मिंकू लाल जैन, जयपुर के तिलकनगर निवासी गुरजिंदर सिंह गिल, वैशालीनगर, जयपुर स्थित कंपनी साइबडीर नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीईओ विनोद परिहार और दिल्ली निवासी जगजीत सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
सीबीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) जयपुर ने 4 नवंबर 2025 को मेसर्स साइबडीर नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड (cybdeer network private limited) के सीईओ विनोद परिहार के परिसरों पर छापा मारा था। इस कार्यवाई में गिरफ्तारी से बचने के लिए विनोद परिहार से अजीत कुमार पात्रा और मिंकू लाल जैन से संपर्क किया। अजीत पात्रा और मिंकू लाल ने विनोद परिहार को भरोसा दिलाया कि वे इस मामले को सैटल करवा देंगे और गिरफ्तारी से भी बचा लेंगे। आरोपियों ने डीजीजीआई के अज्ञात अधिकारियों के नाम से 18 लाख रूपए रिश्वत भिजवाने के लिए कहा और जयपुर के गुरजिंदर सिंह गिल का मोबाइल नंबर दिया।
विनोद परिहार ने रिश्वत राशि के 13 लाख रूपए गुरजिंदर सिंह गिल द्वारा भेजे गए उसके कर्मचारी को दे दिए। इसके बाद गुरजिंदर ने ये रूपए हवाला के जरिए दिल्ली के जगजीत सिंह के पास भिजवा दिए और जगजीत सिंह को बताया कि बचे हुए अमाउंट का इंतजार करो, इसके बाद मिंकूलाल जैन को 18 लाख रूपए डिलीवर करने है, जोकि अजीत पात्रा के हैं। पूरे रैकेट की सर्विलांस के जरिए निगरानी कर रही सीबीआई की टीम ने आरोपियों को धरदबोचा।
सीबीआई के अनुसार अजीत कुमार पात्रा और मिंकूलाल जैन खुद को सीनियर ब्यूरोक्रेट होने का दावा करते थे और केन्द्र और राज्य के विभागों के सीनियर अधिकारियों, मंत्रालयिक अधिकारियो, न्यायिक अधिकारियों के साथ जानपहचान होने का दावा करते थे। इन दोनों की अधिकारियों के साथ इतनी लाइजनिंग थी कि ये कई बार सीनियर ऑफिसर्स को मिलने वाली सुविधाओं का भी उपयोग कर चुके हैं।
सीबीआई ने अजीत कुमार पात्रा और मिंकूलाल जैन के दिल्ली, राजस्थान और ओडिशा स्थित ठिकानों की तलाशी ली। जहां सीबीआई ने रिश्वत लेन-देन में उपयोग हुए 18 लाख रुपये, 3.7 करोड़ रुपये कैश और करीब 1 किलोग्राम सोने के आभूषण, अजीत पात्रा और उनके रिश्तेदारों के नाम पर 26 संपत्ति के दस्तावेज, 04 लग्जरी वाहन और 12 अन्य वाहन तथा डिजिटल उपकरणों सहित अन्य साक्ष्य व सामग्री जब्त की है।
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