हिंदुस्तान जिंक ने सीएसआर पहल सखी के जरिए राजस्थान और उत्तराखंड में 2167 स्वयं सहायता समूहों की 25455 से अधिक महिलाओं को बनाया सशक्त
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। हिन्दुस्तान जिंक ने सीएसआर के प्रमुख महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम सखी के तहत एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस पहल ने राजस्थान और उत्तराखंड की 2167 स्वयं सहायता समूहों में 25455 से अधिक ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाते हुए कुल 125.71 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया है। Hindustan Zinc CSR Initiative Sakhi Generates rs125.71 Crore in Credit Empowering over 25455 women
सखी फेडरेशन के माध्यम से प्रदान की गयी यह ऋण राशि इन महिलाओं के लिए वित्तीय सशक्तिकरण की आधारशिला बनी है। इस धनराशि का उपयोग वे आय-अर्जक गतिविधियों में निवेश करने, छोटे व्यवसायों को बढ़ाने, बच्चों की शिक्षा और घर के बुनियादी ढांचे को सुधारने में कर रही हैं। यह राशि उन्हें अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भर हुए बिना, जरूरत के समय पर लोन पाने में भी मदद करती है।
बैंक में बचत और लोन तक महिलाओं की पहुंच
हिंदुस्तान जिंक द्वारा मंजरी फाउंडेशन और चैतन्य ट्रस्ट के साथ साझेदारी में कार्यान्वित सखी स्वयं सहायता समूहों के गठन और सुदृढ़ीकरण कर महिलाओं को औपचारिक बैंकिंग, बचत और ऋण प्रणालियों तक पहुंच प्रदान करती है। उद्यमशीलता और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देकर, यह पहल महिलाओं को अपने घरों और समुदायों में सक्रिय योगदानकर्ता के रूप में उभरने में सहायता कर रही है।
आचार और नमकीन बनाकर महिलाएं स्वयं और परिवार का भविष्य सुनिश्चित कर रहीं
महिला सशक्तिरण की उदाहरण बनी फरजाना ने कम उम्र में पति को खो दिया था, सखी के माध्यम से वह आचार बनाने की यूनिट में प्रशिक्षित हुईं। आज उनकी आय उनके परिवार को स्थिरता दे रही है और उनके बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित कर रही है। आज उनके बनाए आचार को खूब पसंद किया जा रहा है और दिन-ब-दिन डिमांड बढ़ रही है। वह कहती हैं कि यहां काम करने से मेरे बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद मिली है। बिजनेस वर्ल्ड द्वारा मान्यता प्राप्त और सोशल इम्पैक्ट लीडर अवार्ड से सम्मानित उनकी उल्लेखनीय यात्रा अवसर के माध्यम से सशक्तिकरण का एक प्रेरक प्रमाण है।
इंद्रा मीणा, मां और अपने परिवार की एकमात्र कमाने वाली, जावर की नमकीन यूनिट में सबसे अधिक आया वालों में से एक बन गईं। उनकी लगन ने उन्हें सखी उत्पादन समिति के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में जगह दिलाई, जहां वह अब निर्णय लेने और अन्य महिलाओं को सलाह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

ग्रामीण बाजारों “दाइची” और “उपाया” ब्रांड के उत्पादों की खूब डिमांड
सखी उत्पादन समिति के अंतर्गत सूक्ष्म उद्यमों ने 14 उत्पादन इकाइयां और 208 स्टोर स्थापित किए हैं, जिससे 231 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। खाद्य पदार्थ के दाइची और वस्त्र के उपाया ब्रांड के माध्यम से ग्रामीण बाजारों के साथ मजबूत संबंध स्थापित हुए हैं। लैंगिक समानता, सभ्य कार्य, आर्थिक विकास और असमानताओं को कम करने पर संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप, इस पहल ने 200 से अधिक गांवों में 2167 स्वयं सहायता समूहों की 25455 से अधिक महिलाओं को सशक्त बनाया है।
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