उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। इस वर्ष दीपावली की तारीख को लेकर लोगों के मन में भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि दीपावली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाए या फिर 21 अक्टूबर को। इसको लेकर यह बात साफ हुई है कि दीपावली पर लक्ष्मी पूजन सदैव प्रदोष काल से लेकर मध्य रात्रि के बीच में पड़ने वाली कार्तिक अमावस्या के दौरान मनाया जाता है। इसलिए दीपावली पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाना चाहिए। Deepawali is on 20th October 2025, shubh muhurat on this day
20 अक्टूबर को प्रदोष काल के बाद वृषभ लग्न (दिल्ली के समयानुसार) शाम 08 बजकर 11 मिनट से लेकर रात को 10 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। लक्ष्मी पूजन के लिए 20 अक्टूबर की शाम को 7.12 से लेकर 9.08 के बीच का समय सर्वोत्तम रहेगा। 1 घण्टा 56 मिनट का यह मुहूर्त लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा। ऐसे में गृहस्थ लोग इस समय के दौरान लक्ष्मी पूजन करें।
श्री राम ज्योतिष शोध एवं वास्तु परामर्श बड़गांव के पंडित डॉ. ख्यालीलाल जोशी के अनुसार दीपावली की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति इसलिए बनी हुई है क्योंकि इस वर्ष कार्तिक अमावस्या की तिथि एक दिन के बजाय दो दिन पड़ रही है। पंडित डॉ. ख्यालीलाल जोशी ने बताया कि वैदिक शास्त्र नियमों के अनुसार शास्त्रों में दीपावली पर लक्ष्मी पूजन सदैव अमावस्या तिथि के रहने पर और प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद से लेकर देर रात तक करने का विधान होता है अर्थात अमावस्या तिथि, प्रदोष काल और निशिताकाल के मुहूर्त में दीपावली मनाना शुभ माना गया है। इस कारण से ज्योतिष शास्त्र के ज्यादातर पंडितों और विद्वानों का मनाना है कि जिस दिन कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि रहें तो प्रदोष काल से लेकर आधी रात को लक्ष्मी पूजन करना और दीपावली मनाना ज्यादा शुभ व शास्त्र सम्मत रहता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर प्रारम्भ हो जाएगी, जो 21अक्टूबर की शाम 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। ऐसे में दीपावली पर सभी प्रकार की वैदिक स्थितियां 20 अक्तूबर के दिन लागू रहेगी जबकि 21 अक्टूबर 2025 को अमावस्या तिथि सूर्योदय के दौरान रहेगी लेकिन समाप्ति शाम को 5 बजकर 54 मिनट पर हो जाएगी। 20 अक्टूबर को रात्रि को प्रदोष काल से लेकर मध्य रात्रि के बीच अमावस्या तिथि व्याप्त रहेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए अधिकतर विद्वान और पंडित दीपावली का पर्व 20 अक्टूबर को मनाने की सलाह दे रहे हैं। इस प्रकार लक्ष्मी पूजन के साथ दीपावली 20 अक्टूबर को मनाएं।
पंचांग के अनुसार प्रति वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्यापिनी अमावस्या तिथि पर दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। 20 अक्टूबर को लक्ष्मी गणेश पूजन के लिए पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में ही प्राप्त हो रहा है। 20 अक्टूबर को प्रदोष काल शाम 05 बजकर 40 मिनट लेकर 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। वहीं वृषभ लग्न (दिल्ली के समयानुसार) शाम 08 बजकर 11 मिनट से लेकर रात को 10 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। ऐसे में गृहस्थ लोग इस समय के दौरान लक्ष्मी पूजन करें।
मां लक्ष्मी का प्रादुर्भाव प्रदोष काल में हुआ था और स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजन करने से महालक्ष्मी स्थिर रहती हैं। ऐसे में दिवाली पर प्रदोष काल में पड़ने वाले वृषभ लग्न में ही महालक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन करना अति उत्तम रहेगा। पंचांग के अनुसार 20 अक्टूबर को वृषभ लग्न शाम को 8.11 से लेकर रात्रि 10.07 तक रहेगा। साथ ही इस समय प्रदोष काल भी मिल जाएगा। प्रदोषकाल, वृषभ लग्न और चौघड़ियां का ध्यान रखते हुए लक्ष्मी पूजन के लिए 20 अक्टूबर की शाम को 7.12 से लेकर 9.08 के बीच का समय सर्वोत्तम रहेगा। 1 घण्टा 56 मिनट का यह मुहूर्त लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
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