- राजस्थान खादी ग्रामोद्योग संस्थाओं का रिबेट राशि का करीब 100 करोड़ रूपए राज्य सरकार पर बकाया
- खादी ग्रामोद्योग केन्द्र नहीं दे रहे छूट : बोले पिछले तीन वर्षों का बकाया जारी हो, तब देंगे डिस्काउंट
- सरकार का 50 प्रतिशत छूट का विज्ञापन देखकर खरीददारी करने पहुंचे लोग निराश लौट रहे
- सरकार के मंत्री और विधायक खादी केन्द्र पहुंचे तो उन्हें भी नहीं मिला 50% डिस्काउंट
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। पूरा देश आज 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंति मना रहा है। राज्य सरकार महात्मा गांधी जी की खादी को प्रमोट करने के लिए 50 प्रतिशत डिस्काउंट के विज्ञापन छपवा कर वाह-वाही लूट रही है, लेकिन यह डिस्काउंट सरकारी झूठ साबित हो रहा है। क्यों कि खादी ग्रामोद्योग केन्द्र पर खरीददारी करने जा रहे लोगों को 50% का कोई डिस्काउंट नहीं मिल रहा है, ऐसे में खादी पहनना पसंद करने वाले हजारों लोग खादी ग्रामोद्योग केन्द्रों से निराश लौट रहे हैं।
इसके पीछे कारण है बीते तीन वर्षों से खादी ग्रामोद्योग संस्थाओं का 100 करोड़ रूपए की रिबेट राशि का राज्य सरकार द्वारा भुगतान नहीं करना। ऐसे में प्रदेश स्तर पर सभी खादी ग्रामोद्योग संस्थाओं ने मिलकर निर्णय लिया है कि वे इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा 2 अक्टूबर से 30 जनवरी तक के लिए घोषित किया गया 35 प्रतिशत डिस्काउंट खादी उत्पादों पर नहीं देंगी।
गांधी जयंति पर आज सुबह उदयपुर के भूपालपुरा स्थित खादी ग्रामोद्योग केन्द्र पर जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सांसद मन्नालाल रावत,ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा सहित कई भाजपा नेता खरीददारी करने पहुंचे। लेकिन जब उन्हें राज्य सरकार द्वारा घोषित डिस्काउंट नहीं मिले तो वे केन्द्र संचालक से ही उलझने लगे। हालां कि केन्द्र संचालक ने उन्हें जब पूरा मामला अवगत कराया तो वे शांत हुए और राज्य सरकार तक यह मुद्दा पहुंचाने की बात कही।
सरकारी घोषणा पर हमने तो 50 प्रतिशत छूट ग्राहकों को दे दी, लेकिन हमारा भुगतान सरकार ने नहीं किया
राजस्थान खादी ग्रामोद्योग संस्था संघ के मंत्री अनिल कुमार शर्मा के अनुसार खादी को प्रमोट करने के लिए राजस्थान सरकार 2 अक्टूबर से 30 जनवरी तक 35 प्रतिशत डिस्काउंट ऑफर करती हैं। केन्द्र सरकार की तरफ से 5 प्रतिशत, संस्थाओं की ओर से 10 प्रतिशत और राजस्थान सरकार की तरफ से 35 प्रतिशत इस तरह कुल 50 प्रतिशत छूट प्रदेश में निर्मित खादी उत्पाद की खरीद पर ग्राहकों को दी जाती है। लेकिन पिछले 2022-23, 2023-24 और 2024-25 इन तीन वर्षों से सरकार ने संस्थाओं का 35 प्रतिशत रिबेट राशि का भुगतान नहीं किया है।
संस्थाओं ने सरकार के कहने पर बीते तीन वर्षों में ग्राहकों को स्टेट खादी पर 50 प्रतिशत डिस्काउंट देकर उत्पाद बेचे, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक संस्थाओं को उनका 35 प्रतिशत डिस्काउंट का बकाया करीब 100 करोड़ रूपए राशि का भुगतान नहीं किया है। राज्य सरकार से बार-बार भुगतान संबंधी मांग करने के बावजूद कोई सुनवायी नहीं हो रही है। जिसके बाद प्रदेश स्तर पर सभी खादी ग्रामोद्योग संस्थाओं ने मिलकर निर्णय लिया है कि वे इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा 2 अक्टूबर से 30 जनवरी तक के लिए घोषित किया गया 35 प्रतिशत डिस्काउंट खादी उत्पादों पर नहीं देंगी।
प्रदेश में करीब 120 केन्द्र, भुगतान नहीं होने से केन्द्र चलाना हुआ मुश्किल
राजस्थान खादी ग्रामोद्योग संस्था का उदयपुर में संचालित केन्द्र के कैलाश पालीवाल ने बताया कि प्रदेश में खादी ग्रामोद्योग संस्थाओं के करीब 120 केन्द्र हैं। यहां खादी के कपड़ों सहित अन्य खादी के उत्पाद मिलते हैं। प्रदेश में हर केन्द्र का औसतन करीब 75-80 लाख रूपए बकाया है। तीन वर्षो से हमारा भुगतान नहीं हुआ है। इतनी बड़ी राशि बकाया होने से हमारे पास रूपयों की लिक्विडिटी तक नहीं बची है। केन्द्र संचालन करना मुश्किल होता जा रहा है।
आम ग्राहकों में निराशा
खादी पहनना पसंद करने वाले प्रदेश के लाखों ग्राहक हर वर्ष 2 अक्टूबर से 30 जनवरी तक मिलने वाले 50 प्रतिशत डिस्काउंट ऑफर का इंतजार करते हैं। लेकिन इस बार जब लोग खादी ग्रामोद्योग केन्द्रों पर खरीददारी करने पहुंचे तो उन्हें 50 प्रतिशत डिस्काउंट नहीं मिलने का पता चला। जिससे ग्राहकों को काफी निराशा महसूस हुई और कई ग्राहक बिना खरीददारी ही लौट गए। हालां कि संस्थाएं अभी ग्राहकों को 25 प्रतिशत डिस्काउंट दे रही हैं।
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