
जयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रिमण्डल की बैठक आयोजित हुई। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा एवं संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी जयपुर विधेयक लाने, राजमेस मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटा की फीस कम करने, दिवंगत कार्मिक के माता-पिता और दिव्यांग संतान के लिए पारिवारिक पेंशन के प्रावधानों के सरलीकरण करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। Rajasthan CM Cabinet Meeting: Rajmes Medical College NRI quota Fees reduced
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में द महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी जयपुर बिल-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। यह विधेयक विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। वर्ष 2024-25 के बजट में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी स्थापित करने की घोषणा की गई थी। डॉ. बैरवा ने बताया कि यह विश्वविद्यालय खेल विज्ञान, स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी और परफॉर्मेन्स एनालिटिक्स पर शोध को बढ़ावा देगा, जिससे खेलों की गुणवत्ता और खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार आएगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राजमेस कॉलेजों में एनआरआई कोटा सीटों की फीस को तर्कसंगत बनाते हुए संशोधन का निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार राजमेस कॉलेजों में एनआरआई सीटों की फीस को मैनेजमेंट कोटा की फीस का ढाई गुना किया गया है। इस संशोधित व्यवस्था से वर्ष 2025-26 के प्रवेश सत्र में एनआरआई सीटों की फीस घटकर लगभग 23 लाख 93 हजार रुपए प्रतिवर्ष रह जाएगी, जो निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की औसत फीस के लगभग बराबर है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसाइटी (RajMES) द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटें गवर्नमेंट फीस कोटा, 35 प्रतिशत सीटें मैनेजमेंट कोटा और 15 प्रतिशत सीटें एनआरआई कोटा की हैं। इन कॉलेजों में एनआरआई सीटों की वार्षिक फीस डॉलर में निर्धारित होने और 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के कारण यह अब तक 31 लाख रुपए तक पहुंच चुकी थी। यह फीस निजी मेडिकल कॉलेजों की औसत फीस से भी काफी ज्यादा हो गयी थी, इससे सीटें खाली छूट रही थीं।
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि 5200 मेगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं हेतु सशर्त कीमतन भूमि आवंटित करने की स्वीकृति भी आज मंत्रिमंडल द्वारा प्रदान की गई है।
पटेल ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम-1996 में दिवंगत कार्मिक के माता-पिता के मामले में कार्मिक की कुल परिलब्धियों की 30 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस नियम को विलोपित करने का निर्णय लिया गया। अब माता-पिता को भी बढ़ी हुई पेंशन अधिकतम 50 प्रतिशत तक का लाभ प्राप्त हो सकेगाए जो कार्मिक के जीवित होने पर बनती है। इसके अलावा अब मानसिक या शारीरिक निशक्तता से ग्रसित पुत्र अथवा पुत्री को विवाह उपरांत भी पारिवारिक पेंशन प्राप्त हो सकेगी।
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