ट्रेण्ड्स ऑफ ट्रांसफोर्मेशन इन ऑन्कोलॉजी तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू: कार टी सैल थेरेपी, सेलुलर उपचारों की जटिलताओं और नवाचारों पर हुआ मंथन
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। कैंसर उपचार के क्षेत्र में हो रहे क्रांतिकारी बदलावों को लेकर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ट्रेण्ड्स ऑफ ट्रांसफोर्मेशन इन ऑन्कोलॉजी का आज शुक्रवार को शुभारम्भ हुआ। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हो रहे इस सम्मेलन में पहले दिन का मुख्य फोकस कार टी सैल थेरेपी, सेलुलर उपचारों की जटिलताओं और नवाचारों पर रहा। जापान, वियतनाम, सिंगापुर सहित भारत के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल्स से जुड़े 100 से अधिक कैंसर रोग विशेषज्ञों ने विचार-विमर्श कर अनुभव साझा किए। Trends of Transformation in Oncology international conference begins in pmch udaipur
पीएमसीएच, एचएमआरआई, आईएएससी, मैनकैन फाउंडेशन और कैंसर रिसर्च एंड स्टेटिस्टिक फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुम्बई के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. पूर्वीश पारीख, पीएमसीएच की डॉयरेक्टर प्रीति अग्रवाल, एग्जीक्यूटिव डॉयरेक्टर अमन अग्रवाल, पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के प्रेसिडेन्ट डॉ. एमएम मंगल पीएमसीएच के प्रिसिंपल डॉ. यूएस परिहार, आयोजन चेयरमैन डॉ. मनोज महाजन एवं ऑन्कोसर्जन डॉ. सौरभ शर्मा ने किया।
पीएमसीएच की डायरेक्टर डॉ. प्रीति अग्रवाल ने कहा कि ऐसे आयोजन चिकित्सकों और शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं, जिससे कैंसर रोगियों को विश्व स्तरीय उपचार के नवीनतम विकल्प मिल सकें। सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में कांफ्रेस चेयरमेन डॉ. मनोज महाजन ने ऑन्कोलॉजी में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तनों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए पूर्व में हुए कांफ्रेस के परिणामों का ब्यौरा प्रस्तुत किया।
कैंसर मरीजों के लिए तीन दिन की ओपीडी
सम्मेलन में देश विदेश से आए कैंसर रोग विशेषज्ञों से कैंसर रोगियों को सैकण्ड ओपनियन के लिए तीन दिन की ओपीडी भी रखी गयी है, जिसमें जापान से आए डॉ. गुयेन दुय सिन्ह, डॉ. विजय पाटिल और डॉ. आशय कर्पे की ओपीडी में सनराइज कैंसर केयर क्लिनिक, शोभागपुरा में मरीज विशेषज्ञ से उपचार के लिए सलाह प्राप्त कर सकते हैं।
सेलुलर थेरेपी और न्यूली डायग्नोज्ड मल्टिपल मायलोमा के प्रबंधन पर चर्चा की
डॉ. सौरभ शर्मा ने बताया कि सेलुलर थेरेपी में जटिलताओं का प्रबंधन विषय पर सत्र में सीआरएस, आईसीएएनएस, साइटोपीनिया और दीर्घकालिक फॉलो-अप जैसे जटिल पहलुओं पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने इन जटिलताओं के प्रबंधन में नवीनतम प्रोटोकॉल और अनुभव साझा किए।
डॉ. आशय कर्पे ने न्यूली डायग्नोज्ड मल्टिपल मायलोमा के प्रबंधन पर हुए सत्र में बोलते हुए कहा कि मरीज कैंसर बीमारी को लेकर जागरूक कम हैं इस कारण जांचों को लेकर घबराते हैं लेकिन समय पर जांच से उपचार में सफलता की संभावना अधिक होती है।
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