- 24 अन्न भंडारण गोदाम और 64 मिलेट आउटलेट्स का वर्चुअल लोकार्पण
- गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 1400 गोपालकों को 12 करोड़ ऋण वितरण किया
- 2300 से अधिक दुग्ध उत्पादक समितियों को माइक्रो एटीएम का वितरण किया
- राजस्थान पुलिस को दिए गए 100 नए वाहनों का फ्लैग-ऑफ किया
जयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुरूवार को जयपुर में सहकार एवं रोजगार उत्सव में प्रदेश के विभिन्न जिलों के 8 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरण के कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, और केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ आशीष कुमार भूटानी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सहकार एवं रोजगार उत्सव को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि अंतराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष मनाने की शुरुआत भारत से हुई है। उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2025 को अंतराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही इसके प्रथम कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

वन्दे गंगा जल संरक्षण अभियान के तहत सफलता की कहानियों के संकलन का विमोचन
कार्यक्रम में गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 24 अन्न भंडारण गोदाम और 64 मिलेट आउटलेट्स का वर्चुअल लोकार्पण, गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ऋण वितरण, दुग्ध उत्पादक समितियों को माइक्रो एटीएम का वितरण, दो उत्कृष्ट प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का सम्मान किया गया।
साथ ही श्वेत क्रांति 2.0 प्राइमरी डेयरी कोआपरेटिव सोसाइटी ऑनलाइन पंजीकरण प्लेटफॉर्म का शुभारंभ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त ग्राम अभियान के तहत सफलता की कहानियों के संकलन तथा वन्दे गंगा जल संरक्षण अभियान के तहत सफलता की कहानियों के संकलन का विमोचन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने राजस्थान पुलिस को दिए गए 100 नए वाहनों को फ्लैग-ऑफ कर रवाना किया।
ऊंटों की नस्ल के संरक्षण और ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों पर रिसर्च हो रहा है
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के चार वर्ष के भीतर हमने 61 पहलों के जरिये सहकारिता को मजबूत करने का काम किया है। दो लाख नए पैक्स बनाने का काम शुरू हो गया है, इनमें से 40 हजार पैक्स बना लिए गए हैं। सभी के कम्प्यूटरीकरण का काम पूरा हो गया है और सभी राज्यों ने पैक्स के मॉडल बायलॉज़ स्वीकार कर लिए हैं। गोदाम भी बनाए जा रहे हैं। ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स, एक्सपोर्ट और बीज संवर्धन के लिए नई सहकारी संस्थाएं बनाई गई हैं।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि राजस्थान को पूरा देश ऊंटों की भूमि के तौर पर जानता है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से ऊंटों की नस्ल के संरक्षण और ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों पर रिसर्च हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे आगामी दिनों में ऊंटों के अस्तित्व पर कोई खतरा नहीं रहेगा।
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