उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। उदयपुर में इन दिनों लोग सबसे ज्यादा परेशान बिजली व्यवस्था से है। उससे भी ज्यादा परेशानी इस बात को लेकर है कि शिकायत करने पर बिजली विभाग यानी एवीवीएनएल के कई इंजीनियर फोन तक नहीं उठाते। जनता को इनसे उम्मीद भी नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि ये लोग(इंजीनियर) तो इतने महान है कि कलेक्टर के निर्देश पर संचालित हो रहे जिला स्तरीय कंट्रोल रूम से आने वाले फोन भी नहीं उठाते है। फिर आमजन तो इनकी नजरों में छोटी मोटी चीज है। वर्तमान में सबसे ज्यादा शिकायतें बिजली से जुड़ी हुई रहती है। स्वाभाविक है कि कंटोल रूम पर आने वाले शिकायती फोन भी सबसे ज्यादा बिजली निगम के ही होते होंगे। Udaipur Collector
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मंगलवार को हुई बैठक में कलेक्टर नमित मेहता ने इस बात को लेकर कड़ी नाराजगी जताई कि जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के फोन पर 0294 2414620 तथा टोल फ्री नंबर 1077 पर जिले भर से शिकायतें व सूचनाएं प्राप्त होती हैं। कंट्रोल रूम की ओर से संबंधित विभाग को सूचना प्रेषित की जाती है, लेकिन कई विभागीय अधिकारी-इंजीनियर कंट्रोल रूम का भी कॉल रिसीव नहीं करते और कोई फोन रिसीव कर भी लेता है तो गैर जिम्मेदाराना जवाब दिया जाता हैं।
कलक्टर मेहता ने कंट्रोल रूम के कॉल को गंभीरता से लेने की हिदायत दी। साथ ही कॉल रिसीव नहीं करने वाले अधिकारियों को चार्जशीट थमाने के एडीएम प्रशासन दीपेंद्र सिंह राठौड़ को निर्देश दिए है। Udaipur Collector
उदयपुर में बिजली से जुड़ी समस्या को लेकर वर्तमान में अधिकांश लोग एवीवीएनएनल के अधिकांश जेईएन से दुखी है।
फील्ड में जेईएन सबसे निचली कड़ी होती है। एक तो ये फोन नहीं उठाते और गलती से जनता पर एहसान करते हुए फोन उठा भी ले तो जवाब ऐसे देते है मानों इनको सरकार तनख्वाह नहीं देकर फोकट में नौकरी करवा रही हो। सवाल यह है कि शहर और आसपास के क्षेत्रों में भी जेईएन जरूरत पड़ने पर लोगों के फोन नहीं उठाते है तो दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इनसे कितने दूखी होंगे इसकी कल्पना की जा सकती है। ऐसे कर्मचारियों के कारण आमजन में भजनलाल सरकार की भी किरकिरी हो रही है।
नदी,नालों और झीलों के किनारे डेंजर पाईंट चिन्हित किए जाए और बेरिकेडिंग हो। सिविल डिफरेंस को प्रत्येक झील पर एक या दो गोताखोर को तैनात किया जाए और वे मौके पर मौजूद भी मिले। बारिश के दौरान बिजली के ट्रांसफर्मर के कारण कोई हादसा नहीं हो। ऐसे संवेदनशील ट्रांसफर्मर के चारों तरफ बेरिकेटिंग हो। यूडीए व नगर निगम नालों की सफाई मानसून पूर्व पूरा कर ले। बाढ़ की स्थिति में पानी निकासी के लिए संसाधन मौजूद रहे। पेड़, बिजली के पोल गिरने पर समय रहते उनको व्यवस्थित किया जाए। जर्जर भवनों को समय पर खाली कराया जाए।
कलेक्टर ने कहा कि वर्षा के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों-पुलियाओं को अस्थायी रूप से पीडब्ल्यूडी तत्काल ठीक कराकर आवागमन बहाल करें। बांध-तालाबों में रिसाव की स्थिति पर जलसंसाधन विभाग तत्काल एक्शन ले। बैठक में नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, गिर्वा एसडीएम सोनिका कुमारी, यूडीए सचिव हेमेंद्र नागर, जल संसाधन अधीक्षण अभियंता मनोज जैन, पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता राजीव अग्रवाल, पीएचईडी अधीक्षण अभियंता रविन्द्र चौधरी, अजमेर विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता केआर मीणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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