
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख पहल नंद घर ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर 8044 आंगनवाड़ियों को महिलाओं और बच्चों के समग्र विकास के लिए आधुनिक केंद्रों में परिवर्तित कर दिया है। इस पहल के तहत देश के 15 राज्यों में नंद घर विकसित किए जा रहे हैं। नंद घर के माध्यम से अब तक 3 लाख से अधिक बच्चों और 2 लाख महिलाओं को प्रारंभिक बाल शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल और कौशल विकास की सुविधाओं का लाभ मिला है। नंद घर पारंपरिक आँगनवाड़ियों का आधुनिक रूप है, जो उन्नत सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। Anil Agarwal Foundation flagship Nand Ghar crosses 8000 mark across 15 states
बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही यहां स्मार्ट शिक्षा उपकरण, इंटरएक्टिव ई-लर्निंग मॉड्यूल, बाला डिजाइन और स्मार्ट टीवी जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं, ताकि 3.6 साल के बच्चों के लिए सीखने की प्रक्रिया को रोचक बनाया जा सके। हर केंद्र में बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, बिजली, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छ शौचालय की सुविधाएं उपलब्ध हैं। नंद घरों में बच्चों को एक सुरक्षित और पोषणयुक्त माहौल मिलता है।
नंद घर में कुपोषण से बचाव के लिए बच्चों को पोषक आहार और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को जरुरी पोषण सहायता दी जाती है। नियमित टीकाकरण अभियान और स्वास्थ्य शिविर जैसी स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं। समुदाय की महिलाओं को हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण और रिटेल जैसे कौशल निर्माण गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। इससे महिलाएं प्रति माह औसतन 10000 रूपए तक की आय अर्जित करने में सक्षम हो रही हैं।
कुपोषण से लड़ने के लिए नंद घर ने दो चरणों में प्रोटीन युक्त मिलेट शेक वितरित किए। जिससे छह राज्यों के बच्चों को लाभ मिला। पेटेंटेड और एफएसएसएआई प्रमाणित इस मिलेट शेक में 23 आवश्यक विटामिन और मिनरल्स शामिल हैंए और इसे रागी, बाजरा, फॉक्सटेल और कोदो जैसे मोटे अनाजों के मिश्रण से तैयार किया गया है।
इस वर्ष मार्च में अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन ने महाराष्ट्र के पहले नंद घरों का उद्घाटन किया, जिसमें ठाणे में 25 नए केंद्रों की शुरुआत की गई। फाउंडेशन का आगामी दो वर्षों में राजस्थान में 20000 नए नंद घर स्थापित करने का लक्ष्य है।
हिंदुस्तान जिंक की चेयरपर्सन और वेदांता की नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा कि 8000 नंद घरों की यात्रा हमारे इस संकल्प को दर्शाती है कि हम जमीनी स्तर पर जीवन में बदलाव लाने के लिए तत्पर हैं। ये केंद्र सिर्फ आधुनिक आँगनवाड़ी ही नहीं हैं, बल्कि संभावनाओं के ऐसे द्वार हैं, जहां बच्चे सीखते हैं, बढ़ते हैं और आगे बढ़ते हैं, और महिलाएँ आत्मनिर्भर बनने के लिए जरूरी साधन और कौशल प्राप्त करती हैं।
नंद घर प्रोजेक्ट के सीईओ शशि अरोड़ा ने कहा कि नंद घर में हमारा उद्देश्य सिर्फ आंकड़ों तक ही सीमित नहीं है,0 बल्कि उन जिंदगियों में बदलाव लाना है, जो हमारे संपर्क में आती हैं। हम स्मार्ट लर्निंग, डिजिटल टूल्स और सतत पोषण कार्यक्रमों के माध्यम से भारत में आँगनवाड़ी व्यवस्था की नई परिभाषा रच रहे हैं। पिछले एक साल में हमने अत्याधुनिक डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल और विस्तारित पोषण कार्यक्रम पेश किए हैं, ताकि हर बच्चा पोषण 2ण्0 दिशानिर्देशों के अनुसार दैनिक संतुलित आहार प्राप्त कर सके।
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