जयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। राजस्थान विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान सोमवार को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार ने ओलावृष्टि, पाला व शीतलहर से रबी फसल में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी के निर्देश दे दिए हैं। राज्य सरकार प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। crop damage in rajasthan
कृषि मंत्री कटारिया ने बताया कि जनवरी-2023 में पाले एवं शीत लहर से कुल बोये गए क्षेत्रफल 109 लाख 55 हजार हैक्टेयर में से लगभग 14 लाख 92 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 65 प्रतिशत तक फसल खराबा होने की सूचनाएं हैं। यह खराबा प्रमुख रूप से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, चूरू, झुन्झुनूं, जयपुर, जालोर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, सीकर, भरतपुर, पाली, अजमेर, जोधपुर और प्रतापगढ़ में हुआ है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। सभी जिलों के कलक्टर को इस संबंध में तत्काल सर्वे कर विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट भेजने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रभावित किसानों को आपदा राहत कोष व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मापदण्डों के अनुसार राहत दी जा रही है।
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गेहूं, जौ और चना, सरसों, तारामीरा, सब्जी और उद्यानिकी फसलों में हुआ खराबा
लालचंद कटारिया ने बताया कि वर्ष 2022-23 में रबी फसल में 109 लाख 55 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है। प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार गेहूं की फसल के 29 लाख 65 हजार हैक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से लगभग 42 हजार हैक्टेयर, जौ फसल के 4 लाख 8 हजार हैक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से 19 हजार हैक्टेयर और चना फसल के 20 लाख 57 हजार हैक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से 2 लाख 25 हजार हैक्टेयर में 2 से 40 प्रतिशत तक खराबा हुआ है।
वहीं सरसों व तारामीरा का कुल बोये गए 39 लाख 36 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में से 9 लाख 83 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 65 प्रतिशत तक का खराबा हुआ है। इसी तरह सब्जियां और उद्यानिकी फसलों के कुल बोये गए 15 लाख 89 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में से 2 लाख 22 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 60 प्रतिशत तक खराबा हुआ है।



