
जयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। राज्य विधानसभा में मंगलवार को भी पेपर लीक मामले में हंगामा हुआ। विपक्ष के सवाल उठाने पर राज्य सरकार की तरफ से नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब देते हुए कहा कि नकल प्रकरणों में लिप्त व्यक्तियों को सजा दिलवाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध हैं।
धारीवाल ने पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपने से इनकार करते हुए कहा कि अगर यह केस सीबीआई को सौंपा गया तो वर्षांें तक इंवेस्टिगेशन चलेगा। सीबीआई पूरे दस्तावेज जब्त कर ले जाएगी और परीक्षाएं 15 साल तक
नहीं हो पाएगी। इससे विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो जाएगा। धारीवाल ने कहा कि इस मामले में प्रदेश में प्रतिदिन माॅनिटरिंग की जा रही हैं। सरकार दोषियों को सख्त सजा दिलवाएगी यहीं हमारा कमिटमेंट हैं। इसलिए आपको
(विपक्ष) सीबीआई जांच की मांग की जिद छोड़नी चाहिए, मैं इस मांग को खारीज करता हूं।
धारीवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में नकल प्रकरणों में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध निरंतर वृहद् स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। 2019से 2022 तक 15 प्रकरण दर्ज किए गए और 281 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। वहींए 2014 से 2018 में ऎसे 19 प्रकरण दर्ज किया गए थेए जिनमें 241 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। रीट परीक्षा से संबंधित प्रकरण में राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की जांच से संतुष्टि दिखाई है। इस प्रकरण में 102 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और 20 लाख रूपये जब्त किए गए। प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए राज्य सरकार तत्परता से निर्णय ले रही है।
सरकार द्वारा कानून भी लाया गया जिसके अंतर्गत नकल में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर प्रावधान किए हैं। यहां तक कि नकल प्रकरणों में षड़यंत्र एवं इसके प्रयत्न को भी अपराध माना गया है। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक एवं नकल को रोकने, भर्तियों को समयबद्ध रूप से सम्पादित करने एवं भर्ती प्रक्रिया के सुदृढीकरण पर सुधारात्मक सुझाव देने के लिए राज्य सरकार ने दो समितियों का गठन किया है। सदन के सभी सदस्य पक्ष-विपक्ष की भावना से ऊपर उठकर इस सम्बन्ध में सुझाव दें ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें। कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप कानून में सख्त प्रावधान किये गए हैं। यदि और भी सख्त कानून लाना पड़े तो हम इसके लिए तैयार हैं।
इससे पहले सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ ने पेपर लीक का मामला उठाया। कटारिया ने कहा कि शिक्षा संकुल से जो पेपर आउट हुआ वो डबल लाॅक में था। डबल लाॅक से पेपर आउट हो गया और डबल लाॅक की चाबी वाले को दोषी नहीं बनाया गया। ये व्यवस्था कैसे सुधरेगी। कटारिया ने कहा कि पेपर लीक में जितने भी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था उन सभी को जमानत मिल चुकी हैं। डबल लाॅक चाबी का डाकू अभी भी भाग रहा हैं, पुलिस उसे नहीं पकड़ पायी।
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांस्टेबल भर्ती परीक्षा, वनरक्षक परीक्षा और सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर उस समय लीक हुए जब प्रदेश मेें एंटी चीटिंग बिल प्रभावी हो चुका था। इसके बावजूद इन मामलों में एंटी चीटिंग बिल के तहत कारवाई नहीं की गई। राठोड़ ने कहा कि रीट परीक्षा पेपर लीक मामले में जिन दोषियों को गिरफ्तार किया गया था बाद में उन्हें बहाल कर क्लीन चिट दे दी गई। दुर्भाग्य की बात हैं कि डबल लाॅक से प्रश्न पत्र चोरी होता हैं इसके बाद भी जिम्मेदारी तय नहीं होती, ये तो जादूगरी हो गई।
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