नई दिल्ली,(एआर लाइव न्यूज)। लोकसभा और राज्यसभा दोनों संसदीय कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी है। निर्धारित समय से एक सप्ताह पहले ही सदनों की कार्यवाही को स्थगित किया गया है। संसद सत्र 7 दिसंबर से शुरू हुआ था और 29 दिसंबर तक प्रस्तावित था।
वाम दलों के सांसदों ने बिजली के निजीकरण के खिलाफ गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। केंद्रीय विश्वविद्यालयों और आईआईटी, आईआईएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में शिक्षा के माध्यम के रूप में हिंदी को लागू करने के लिए संसदीय राजभाषा समिति की सिफारिशों पर चिंता व्यक्त करते हुए सीपीआई एम के सांसद जॉन ब्रिटास ने राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया, जबकि सांसद प्रमोद तिवारी ने इसी मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत निलंबन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
संसद का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार रहा। विपक्षी सदस्यों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन सीमा संघर्ष पर चर्चा की मांग की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देश में कोविड-19 की स्थिति के संबंध में संसद के दोनों सदनों में बात की और लोगों से एहतियाती उपाय करने का आग्रह किया।




