कोरोना अपडेट: पीएम की बैठक के बाद राज्य सरकार ने जारी किए निर्देश: रेंडम सैंपलिंग शुरू
जयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोविड-19 को लेकर हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद राजस्थान सरकार ने भी गुरूवार शाम को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग से जारी पत्र के अनुसार सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे कोविड-19 के नियंत्रण और बचाव के लिए प्रभावी कार्यवाही और निम्न गतिविधियाँ नियमित रूप से करवाना सुनिश्चित कराएं।
स्क्रीनिंग – जिले में एक्टिव सर्विलांस के माध्यम से प्रभावी घर-घर सर्वे कर आईएलआई रोगियों की पहचान कर वांछित कार्यवाही की जाये।
ओपीडी स्क्रीनिंग – ओपीडी में आने वाले संदिग्ध रोगियों का सैम्पल लेकर कोविड की जांच कराएं और ओपीडी में आने वाले एसएआरआई रोगियों की पृथक से पहचान कर उनकी जांच एवं उपचार सुनिश्चित कराएं।
जीनोम सीक्वेसिंग – समस्त मेडिकल कॉलेज एवं निजी संस्थानों से समन्वय स्थापित कर जीनोम सीक्वेसिंग के लिए सभी कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के सैम्पल की व्यवस्था करें।
रेण्डम सैम्पलिंग – रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड, सब्जी मंडी, विद्यालय एवं अन्य भीड’-भाड़ वाले क्षेत्रों में कोविड लक्षणों वाले संदिग्ध रोगियों की रेण्डम सैम्पलिंग करवायी जाए।
हाई रिस्क ग्रुप – एक्टिव सर्वे एवं ओपीडी में आने वाले हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्तियों की पहचान कर तुरन्त उपचार करवाना सुनिश्चित करें।
दिशा-निर्देशों की पालना – भारत एवं राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी समस्त निर्देशों यथा स्क्रीनिंग, सैम्पल कलेक्शन, रेण्डम सैम्पलिंग, उपचार, डिस्चार्ज इत्यादि की पालना सुनिश्चित कराएं।
जिला व खण्ड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष को दोबारा एक्टिव करें
अन्तर्विभागीय समन्वय – जिला कलक्टर की अध्यक्षता में अन्य विभागों यथा पुलिस, पंचायती राज महिला एवं बाल विकास, नगर-निगम, आयूष आईएमए से अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुये समय-समय पर आवश्यकतानुसार कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु समीक्षा की जाए।
आरआरटी – प्रत्येक संस्थान पर गठित रेपिड रेस्पॉस टीम को कार्यशील रहने के निर्देश प्रदान करें।
लॉजिस्टिक – समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों को लॉजिस्टिक एवं दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
प्रचार-प्रसार – घर-घर सर्वे के दौरान कोविड एवं अन्य मौसमी बिमारियों के लक्षण व उससे बचने के उपाय एवं विभागीय स्तर पर उपलब्ध सुविधाओं का प्रचार-प्रसार कर आमजन को जागरूक करें।
नियंत्रण कक्ष – जिला व खण्ड पर स्थापित नियंत्रण कक्ष को कार्यशील रखें और उसके बारे में आमजन को अवगत कराएं।