- महिला को मलेरिया, टायफाइड, स्क्रब और डेंगू सहित पांच बीमारियां एक साथ हो गयी थीं
- उपचार में अपनाई गई तकनीक को मेडिकल जनरल में प्रकाशन के लिए भेजा
उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। दुर्लभ ट्रापीकल फीवर डिजीज से पीड़ित गंभीर हालत में भर्ती हुई महिला का बेडवास स्थित जीबीएच जनरल हॉस्पीटल में उपचार किया गया। मेडिकल टीम ने कहा इस तरह के मरीज अमूमन कम ही मिलते है। ऐसे में इस महिला का केस व उपचार में अपनाई गई तकनीक को मेडिकल जनरल में प्रकाशन के लिए भेजा गया है।
ग्रुप डायरेक्टर डॉ आनंद झा ने बताया कि पिछले दिनों शिशवी निवासी देवली बाई (46) बुखार की शिकायत लेकर मेडिसिन विभाग में पहुंची थी। उन्हें श्वास लेने में तकलीफ थी, जोड़ों में दर्द और खून की कमी थी। उन्हें पेट दर्द की शिकायत भी हो रही थी। जब महिला को पहली बार देखा गया था, उस समय लीवर में सूजन और फेफड़ों में पानी भरा हुआ था।
विभिन्न जांचों में पता चला कि महिला को एनिमिया है। उन्हें है। उनका प्लेटलेट्स भी काफी कम थे। सामान्यतः इनमें से एक या दो बीमारी के मरीज ही होते है, लेकिन महिला को सभी तरह की बीमारी एक साथ होने से वह गंभीर लिया गया।
इस तरह की बीमारी वाले मरीज कम ही पाए जाते हैं
मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. वी.के. गोयल के अनुसार इस तरह की बीमारी वाले मरीज कम ही पाए जाते हैं। इसे चिकित्सकीय भाषा में ट्रापीकल फीवर डिजीज कहा जाता है। ये पांचों बीमारियां महिला को मोड्रस और ए.आर.डी.एस के साथ पाई गई।
महिला को सबसे पहले आईसीयू में भर्ती किया गया। वहां उपचार करते हुए सात दिन बाद सोनोगाफी करवाई गई, जिसमें लीवर में सूजन कम पायी गई। एनिमिया और प्लेटलेट्स में भी सुधार हुआ था। इस पर महिला को सामान्य वार्ड में रेफर कर दिया गया। वहां उपचार के बाद पूरी तरह स्वस्थ होने पर मंगलवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।
विभागाध्यक्ष डॉ. वी.के मोयल ने बताया कि इस महिला का केस व उपचार का तरीका मेडिकल जनरल में प्रकाशन के लिए भेजा गया है। इनके उपचार में डॉ. वी.के गोयल के साथ डॉ. छाबड़ा, डॉ. प्रग्नेश, डॉ. हिमानी व डॉ. रूही सहयोगी रहें।



