गोंडा,(एआर लाइव न्यूज)। हज़रत शाह महबूब मीना साहब(बाबा जी) की तारीख़े विसाल (पुण्यतिथि) पर प्रोग्राम जश्ने फ़ैज़ाने मुर्शिद सज्जादानशीन हज़रत शाह जमाल मीना साहब की सरपरस्ती में मनाया गया। इस मौक़े पर दो अहम प्रोग्राम हुए जिसमें पहला प्रोग्राम आल इंडिया मुक़ाबला क़िरात और दूसरा प्रोग्राम मुसाबका खिताब(भाषण प्रतियोगिता) जिसमें पूरे हिन्दुस्तान से सैकड़ों प्रतिभागियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपना ऑडियो क्लिप भेज कर हिस्सा लिया उनमें से 20 मेधावियों को चुना गया।
मुक़ाबला क़िरात में मो. समीर जिला रामपुर ने प्रथम, जावेद अहमद मऊनाथ भंजन ने द्वितीय और मो. जहांगीर आलम सूरजपुर छत्तीसगढ़ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया वहीं भाषण प्रतियोगिता में मौलवी मो. नफीस बलरामपुर , उप्र ने प्रथम, मौलवी मो हाशिम रज़ा बाड़मेर राजस्थान ने द्वितीय और मो. शकील गोरखपुर उप्र ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, इनके अलावा मो जाकिर आलम, मेंहदी हसन, शोएब अहमद, मो तौसीफ रज़ा, मो हाशिम, फिदा मोहम्मद, मसूद अहमद,आजम खान, मो तहसीन रज़ा, मो मामून,अब्दुल कादिर, मो वसी, अब्दुल खालिक एवं युनुस अली ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को 51000 रूपए से पुरस्कृत किया गया
दरबारे आलिया मीनाइया की तरफ से प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को 51000 द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को 25000 एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को 11000 के नगद पुरस्कार के साथ ट्राफी, प्रमाण पत्र, बैग एवं पुस्तकें आदि भेंट किये गये।
दिन में कुल शरीफ की महफिल हुई जिसमें अकीदतमंदो ने खिराजे अकीदत पेश किया दुआख्वानी हुई जिसमें मुल्क की तरक्की, खुशहाली, एवं बीमारियों से छुटकारा की दुआ हुई।
रात्रि के जल्से में हिंदुस्तान के मशहूर आलिमे दीन मुफ्ती अख्तर हुसैन अलीमी साहब ने अपने सम्बोधन में कहा कि बाबा जी ने पूरी जिंदगी मुल्क और क़ौम के लिए वक्फ कर दी और अपने पीर के बताये रास्ते पर अडिग रहते हुए दीन दुनिया के बड़े-बड़े कारनामे जमीन पर छोड़े जो सदियों तक मुल्क और क़ौम को खुशहाली और तरक्की देते रहेंगे। वहीं मुल्क के मशहूर शाएर मो0 अली फैजी ने बाबा जी के कारनामों पे खूबसूरत कलाम पेश किया।
इनके अलावा मुफ़्ती अमानुर्रब साहब और मौलाना मुज़क्कीर हुसैन साहब ने लोगों को बाबा जी के बारे में अवगत कराया। इस अवसर पर क़ारी निसार अहमद मीनाई, डॉ लायक अली, मौलाना सैय्यद शहजाद, बाबा फकीर मोहम्मद, वली मोहम्मद, बजरंगी बाबू, राजेंद्र मिश्रा, असित श्रीवास्तव, विभूति मणि त्रिपाठी, तबरेज़ आलम मीनाई, एहसान मीनाई, रफ़ीक़ आलम मीनाई, साद आलम, उवैस मीनाई, एवं नूर अली समेत बड़ी संख्या में अनुयायी उपस्थित रहे।