उदयपुर/जोधपुर,(ARLive news)। गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) के चैयरमेन और प्रबंधन के खिलाफ दायर याचिका पर सीबीआई कोर्ट जोधपुर ने सुनवायी करते हुए सीबीआई एसपी से रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में गीतांजलि ग्रुप के मालिकों पर सीबीआई का शिकंजा कस सकता है। क्यों कि कोर्ट के आदेश पर सीबीआई को गीतांजलि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर लगे आरोप की जांच कर रिपोर्ट पेश करनी होगी। परिवादी राजेन्द्र शेखावत ने अपनी याचिका में गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पर एमबीबीएस में नीट के जरिए होने वाले प्रवेश में करोड़ों की गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है।
सरकार की गठित कमेटी ने भी माना था कि गड़बड़ी हुई
हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील ए.के. जैन परिवादी की तरफ से सीबीआई कोर्ट जोधपुर में याचिका पेश पैरवी कर रहे हैं। वकील ए.के. जैन ने बताया कि उनके परिवादी राजेन्द्र शेखावत की ओर से उन्होंने इस वर्ष फरवरी में सीबीआई में परिवाद दिया था। सीबीआई की तरफ से मामले में ज्यादा सक्रियता नहीं दिखी तो हमने सीबीआई कोर्ट जोधपुर में याचिका पेश की है। हमारी याचिका पर सुनवायी करते हुए कोर्ट ने सीबीआई से रिपोर्ट मांगी है कि इसमें सीबीआई ने अब तक क्या जांच की है।
वकील ए.के. जैन ने बताया कि पहले राज्य सरकार के पास भी इसकी शिकायत गयी थी। राज्य सरकार ने कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। कमेटी ने भी माना था कि एमबीबीएस की 47 सीट्स पर भर्ती में गड़बड़ी हुई थी। लेकिन सरकार ने आगे कोई कार्यवाही नहीं की थी।
यह है मामला
वकील ए.के. जैन ने बताया कि मेरे परिवादी का आरोप है कि वर्ष 2018-19 में गीतांजलि मेडिकल कॉलेज को एमबीबीएस की 147 सीट्स पर नीट के जरिए एडमीशन लेना था। कॉलेज प्रबंधन ने इसमें 47 सीट्स पर मॉपअप से जिन कैंडीडेट का एडमीशन लिया था, उनसे न जाने कैसे रिजाइन लेकर, उन सीट्स पर पैसे लेकर दूसरे कैंडीडेट को भर्ती कर लिया था। इस संबंध में गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल प्रबंधन ने न तो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) से कोई परमीशन ली थी और न ही काउंसिलिंग बोर्ड से अनुमति ली थी। ऐसे में यह एक गंभीर प्रकृति के भ्रष्टाचार का मामला है। जिसमें करीब 100 करोड़ के भ्रष्टाचार की आशंका है। इसी आरोप की याचिका हमने सीबीआई कोर्ट जोधपुर में दायर की है।



