जयपुर,(ARlive news)। आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी से टिकट लेने वाले नेताओं की दौड़ शुरू हो गई है। वर्तमान में प्रदेश की 25 सीटों पर 22 सांसद बीजेपी के हैं। प्रदेश में जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनावों के दौरान सांसदों की परफॉर्मेंस खराब रही उन सांसदों पर टिकट का संकट नजर आ रहा है। प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी के सत्ता गंवाने और 2013 के विधानसभा चुनावों में 163 सीटों की जीत को 2018 चुनावों में 73 विधायकों पर सिमटने के बाद अब लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू की हैं।
बीजेपी लोकसभा चुनावों में आधा दर्जन से ज्यादा सांसदों का टिकट काट कर नए चेहरों को मैदान में उतार सकती है। इसके अलावा बाड़मेर से कर्नल सोनाराम के टिकट पर संकट मंडराने लगा है।वजह साफ है कि बाड़मेर से विधानसभा में खुद हारे ही नहीं बल्कि बाड़मेर लोक सभा की आठ सीटों में से केवल एक सीट बीजेपी के खाते में ला पाए। सीकर से सुमेधानंद सरस्वती की सीट पर भी संकट बताया जा रहा है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि इन्होंने अपने क्षेत्र की 6 विधानसभा सीटें विधानसभा चुनाव में गंवाई हैं। इसके अलावा करौली धौलपुर सांसदमनोज राजौरिया की सीट पर भी संकट के बादल हैं, वहीं हिण्डौन से विधायक रही राजकुमारी जाटव ने भी दावेदारी जताई है।
झुंझुनूं से सांसद संतोष अहलावत का टिकट भी काटा जा सकता है. बांसवाड़ा से सांसद मानशंकर निनामा के टिकिट पर भी संकट बताया जा रहा है. इसके साथ ही भरतपुर से सांसद बहादुर सिंह कोली का टिकिट कटना तय माना जा रहा है। इसके पीछे साफ वजह विधानसभा चुनाव में इनके क्षेत्र से बीजेपी का खाता भी नहीं खुलना बताया जा रहा है।
गंगानगर से निहाल चंद मेघवाल, चूरू से राहुल कस्वां का टिकट खतरे में बताया जा रहा है। उनके पिता राम सिंह कस्वा ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट से राजगढ़ से चुनाव लड़ा और हार गए थे। जयपुर सांसद रामचरण बोहरा के स्थान पर पार्टी किसी वैश्य को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। साथ ही राजसमंद से हरिओम सिंह राठौड़ के टिकट पर संकट मंडरा रहा है।