Categories: Mewar

रंगमंच पर राठवा आदिवासियों ने बनाया पिरामिड, सहरिया कलाकारों ने रिझाया

उदयपुर, (ARlive news)। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय ‘‘शिल्पग्राम उत्सव’’ के तीसरे दिन मुक्ताकाशी मंच पर गुजरात के राठवा आदिवासी कलाकारों ने अपने नृत्य में आकर्षक पिरामिड बना कर दर्शकों का मन मोह लिया वहीं शाहाबाद के सहरिया कलाकारों ने अपनी अदाओं से कला रसिकों को रिझाया।

कार्यक्रम की शुरूआत केरल के ‘‘पंच वाद्यम’’से हुई जिसमें पंच वाद्यों के माध्यम से कलाकारों ने वहां आस्था का प्रदर्शन श्रेष्ठ ढंग से किया। गोवा समई नृत्य में कलाकारों ने शीश पर दीप संतुलित करते हुए आकर्षक संरचनाएँ बना कर अपनी उत्सवी परंपरा को रोचक अंदाज में पेश किया। गोवा की एक और नृत्य शैली ‘‘घोड़े मोडनी’’ में अश्वारोहियों ने लोगों को खूब लुभाया जिसमें शिवाजी महाराज के जयकारों व देश भक्ति से ओतप्रोत जयकारे दर्शकों द्वारा भरपूर सराहे गये।। छत्तीसगढ़ के जनजाति शिकार पररम्परा पर आधारित गौंड मारिया नृत्य की मन मोहक प्रस्तुत पेश की कलाकारों ने अपने गले में ढोल लटका कर उसके वादन के साथ थिरकते हुए अपनी आदिम संस्कृति से दर्शकों को रूबरू करवाया।

हाट बाजार में उमड़े लोग, लोक कलाओं को समर्पित संडे

शिल्पग्राम में दस दिवसीय राष्ट्र हस्तशिल्प और लोक कला उत्सव ‘‘शिल्पग्राम उत्सव’’ के तीसरे दिन रविवार की छुट्टी को लोगों ने लोक कलाओं के साथ व्यतीत की तथा भारी तादाद में शहरवासी और कला रसिक शिल्पग्राम पहुंचे।

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित उत्सव में रविवार को हाट बाजार का आलम ये था कि जहां नजर दौड़ाओं लोगों का हुज़ूम नज़र आता था। मेले की एक झलक को देखने आने वाले नये पुराने कलाकारों की टोह लेने या उनसे फिर मिलने की उत्सुकता के साथ कलात्मक वस्तुएँ खरीदने और छुट्टी का दिन मौज मस्ती व सैर सपाटे में गुजारने के लिये लोग शिल्पग्राम आये।

धूप की गर्माहट के साथ लोग परिजनों व दोस्तों के साथ मेले में आये व हाट बाजार में खरीददारी की। हाट बाजार में मिट्टी की कला कृतियाँ, लकड़ी के डेकोरटिव पीसेज, ज्वैलरी, बैंगल्स, वूलन शॉल, जैकेट, साड़ियाँ, बेडशीट्स, बेड कवर्स, नारियल के बने डेकोरेटिव्ज़, कठपुतली, मुरादाबाद के ब्रास आइटम, पेन्टिंग्स आदि की खरीददारी के साथ-साथ कश्मीरी शॉल, हिमाचल शॉल, अंगोरा के वूलन आइटम आदि की दुकानों पर लोगों की खासी भीड़ रही। सर्द मौसम के चलते अधिकांश लोगों की निगाहें गर्म व ऊनी वस्त्रों पर ज्यादा टिकी रही।

मेले में ही लोगों ने खान-पान की विभिन्न वस्तुओं मक्का की राब, मक्की पापड़ी, ढोकले, दाल बाटी चूरमा, बाजरे की रोटी, सरसों की साग, मेथी परोठे, गुजराती गोटे, गांठिये, प्याज कचौरी, केसर दूध, मक्खन आदि के लुत्फ के साथ-साथ ऊँट सवारी, घुड़ सवारी का आनन्द उठाया। संगम सभागार में आयोजित चित्र प्रदर्शनी में लोगों को महात्मा गांधी के चित्र व आवक्ष तथा उदयपुर शहर के सौन्दर्य को जल रंग की चित्रकृतियों में निहारा व प्रशंसा की। संगम में ही बालकों को चित्रकारी और पेपर कटिंग से कलात्मक वस्तुएँ बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा बाल संसार में मुंबई के कलाकार ने बालकों को वायर आर्ट सिखाई।

arln-admin

Recent Posts

पीएमसीएच में यूटेरिन आर्टरी एम्बोलाइजेशन से महिला को मिली नयी जिंदगी

अत्याधुनिक सुविधाओं और विशेषज्ञों की टीम ने किया सफल उपचार उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। पेसिफिक मेडिकल…

8 hours ago

हिन्दुस्तान जिंक ने “जंग के खिलाफ जिंक” जागरूकता अभियान के साथ IITF 2025 में किया सफल प्रदर्शन

आईआईटीएफ 2025 में 1 लाख से अधिक आगंतुकों ने कंपनी के जंग के खिलाफ जिंक…

9 hours ago

गाजर-मूली की आड़ में शराब तस्करी: गाड़ियों में सब्जी के नीचे निकले शराब के कार्टन

उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। उदयपुर की खेरवाड़ा और सुखेर थाना पुलिस ने शराब तस्करी पर कार्रवाई…

9 hours ago

हांगकांगः बहुमंजिला 8 इमारतों में भीषण आग, 44 लोगों की मौत, 250 से अधिक लापता

दर्जनों दमकलों के साथ 800 से अधिक फायर फाइटर्स मौके पर तैनात आग पर काबू…

13 hours ago

बीजेपीः प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा

मदन राठौड़ की नई टीम में 9 उपाध्यक्ष और 4 महामंत्री जयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। राजस्थान…

13 hours ago

उदयपुर में बदला मौसम : हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना

राजस्थान मौसम अपडेट उदयपुर,(एआर लाइव न्यूज)। उदयपुर में आज गुरूवार को सुबह से ही मौसम…

14 hours ago