
बयान के बाद सीबीआई ने होस्टाइल घोषित किया
कोर्ट में सीबीआई की तरफ से सरकारी वकील ने चार्जशीट में शामिल तुलसी का लेटर दिखाते हुए पूछा कि वह क्या यह लेटर आपने कभी संबंधित को फॉरवर्ड किया था। अशोक कुमार ने कोर्ट को बताया कि उसने यह लेटर कभी देखा ही नहीं तो पुटअप या फॉरवर्ड क्या करूंगा। जबकि सीबीआई ने चार्जशीट में जो बयान शामिल किए थे, उसमें लिखा था कि तुलसी, आजम और रफीक ने एक टाइप किया हुआ पत्र भेजा था, जिसमें लिखा था कि साथी कैदी परेशान कर रहे हैं और साथी कैदियों से खुद की जान को खतरा बताया था। हुआ एक लेटर मिला है, जिसमें उसने खुद की जान को खतरा बताया था। कोर्ट में हुए अशोक कुमार के बयान के बाद सीबीआई ने उसे होस्टाइल घोषित किया।
बाबू ने कहा कि वह सेवानिवृत हो चुका है। ऐसे में नियमानुसार उसे आने-जाने का खर्चा मुहैया करवाने का निवेदन किया। इस पर कोर्ट ने संबंधित सेक्शन को आदेश जारी कर आने-जाने का खर्चा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। सेक्शन में फंड उपलब्ध नहीं होने पर यह राशि गवाह के बैंक खाते में ट्रांसफर करने के आदेश दिए। बीमार होने से दो गवाह नहीं पहुंचे : शुक्रवार को कोर्ट में उज्जैन के देवेन्द्र शर्मा और सुशील तिवारी के बयान भी होने थे। लेकिन बीमार होने से ये कोर्ट नहीं पहुंचे। इस पर कोर्ट ने इन्हें अगली तारीख दी है।


