उदयपुर. सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर केस में शनिवार को कोर्ट में एनकाउंटर टीम से जब्त सामान और इससे संबंधित बने पंचनामा से संबंधित दो गवाह सहित चार गवाह होने थे। सीबीआई के बुलाने पर चारों गवाह बाबूलाल राठौड़, योगेश कुमार जोशी, बनवारी लाल अग्रवाल और नारायण भाई वासु कोर्ट भी पहुंचे। लेकिन सीबीआई तुलसी के इनक्वैश रिपोर्ट (लाश की पहचान) से संबंधित दो गवाह बनवारी लाल और नारायण भाई को अंतिम समय में ड्रॉप कर दिया और उनके कोर्ट बयान नहीं करवाए। सीबीआई ने कोर्ट को कारण बताया कि इनसे संबंधित दस्तावेज कोर्ट में एग्जीबिट हो चुके हैं, ऐसे में इनके बयानों की जरूरत नहीं है। एक गवाह के बयान हुए भी, तो उसने पंचनामा पर हुए हस्ताक्षर की पहचान नहीं की। सीबीआई ने दोनों गवाहों के बयान के बाद उन्हें होस्टाइल घोषित कर दिया।
इसके बाद कोर्ट में बाबूलाल राठौड़ और योगेश कुमार जोशी के बयान हुए। ये दोनों एनकाउंटर के समय गुजरात इंस्पेक्टर आशीष पंड्या के लगी गोली के बाद हॉस्पिटल में जब्त टी-शर्ट, रिवॉल्वर, चले हुए और जिंदा कारतूस के जब्त करते समय बने पंचनामा और राजस्थान एएसआई नारायण सिंह से जब्त की गई रिवॉल्वर, कारतूस और कांस्टेबल युद्धवीर सिंह से राइफल और कारतूस जब्त करने के बने पंचनामा के गवाह थे।
इन दोनों ने कोर्ट को बताया कि वे न तो हॉस्पिटल गए और न ही पुलिस थाने गए थे। उन्होंने जब्त हुआ कोई सामान नहीं देखा है। पुलिस ने उन्हें बुलाया था और थाने के बाहर ही सड़क पर पुलिस ने उनसे कुछ दस्तावेजों पर साइन करवाए थे। इसमें बाबूलाल राठौड़ को कोर्ट में पंचनामा पर किए गए उनके हस्ताक्षर दिखाए गए तो उन्होंने हस्ताक्षर पहचानने से इनकार कर दिया, उन्होंने कहा ये मेरे हस्ताक्षर नहीं है। वहीं योगेश ने पंचनामा पर किए अपने हस्ताक्षर पहचाने, लेकिन कहा कि ये साइन पुलिस ने सड़क पर लिए थे, वह न तो हॉस्पिटल गया था और न ही पुलिस थाने।
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