भाजपा हैट्रिक बनाने, तो कांग्रेस हैट्रिक रोकने के लिए लगा रही दम : पांच सीटों पर चढ़ा हुआ है चुनावी पारा
एआर लाइव न्यूज। लोकसभा चुनाव-2024 के पहले चरण के चुनाव 19 अप्रेल शुक्रवार को होंगे। पहले चरण में राजस्थान की 25 सीटों में से 12 सीटों पर चुनाव होंगे। इन 12 सीटों पर चुनाव प्रचार थम चुका है, ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेताओं का फोकस अब दूसरे चरण की 13 सीटों पर आ गया है। (loksabha election 2024 rajasthan)
गर्मी बढ़ने के साथ ही चुनावी तापमान भी बढ़ रहा है। इसी बीच यह चर्चा भी काफी है कि इस बार भाजपा के लिए राजस्थान में 25 में से 25 सीट जीतने की हैट्रिक बना पाना कुछ मुश्किल है। यही कारण है कि राजस्थान में इस बार जो सीटें मुश्किल मानी जा रही हैं, वहां खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सभाएं कर रहे हैं।
- राजस्थान पहला चरण 19 अप्रेल : 12 सीट : श्रीगंगानगर, बीकानेर, चुरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धोलपुर, दौसा, नागौर।
- राजस्थान दूसरा चरण 26 अप्रेल : 13 सीट : टोंक-सवाईमाधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड-बारां।
राजस्थान की वे सीटें जहां हैं कड़ी टक्कर
चुरू : राजनीतिक अनुभव-क्षेत्र में पकड़ v/s खिलाड़ी का नया और उर्जावान चेहरा
पहले चरण के चुनाव में सबसे ज्यादा चुरू सीट का तापमान चढ़ा हुआ है। शेखावटी बेल्ट को साधने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुरू सीट पर सभा कर चुके हैं, लेकिन चुरू सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी राहुल कस्वां भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र झाझड़िया पर कई बार भारी पड़ते भी दिखायी दिए हैं। जहां राहुल कस्वां के पास राजनीतिक का अच्छा अनुभव है। पिछले 10 वर्षों से लगातार चुरू सीट से सांसद हैं। 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में दोनों बार चुरू से सांसद चुने गए। ऐसे में क्षेत्र में इनका अच्छा होल्ड है।
वहीं भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र झाझड़िया ने ओलंपिक में देश के लिए मैडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था। खिलाड़ी होने के चलते उन्हें राजनीति में बिलकुल नये और उर्जावान चेहरे के रूप में देखा जा रहा है।
बांसवाड़ा : बाप ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किल
बांसवाड़ा सीट पर चुनाव काफी रोचक होने वाले हैं। यहां भी टक्कर भाजपा बनाम कांग्रेस नहीं होकर, भाजपा बनाम भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के बीच में होगी। बाप प्रत्याशी राजकुमार रोत न सिर्फ युवा है, बल्कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के चलते इनकी समाज में बहुत अच्छी पकड़ है। बाप का राजस्थान विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन रहा था, तब बाप ने चौरासी, आसपुर और धरियावद तीन सीटों जीती थीं। खासबात है कि बांसवाड़ा सीट के प्रत्याशी राजकुमार रोत विधानसभा चुनाव में चौरासी सीट से 69166 मतों के अंतर से जीते थे, यहां प्रदेश में दिया कुमारी के बाद दूसरे नंबर की सबसे बड़ी जीत थी।
वहीं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए भाजपा प्रत्याशी महेन्द्रजीत सिंह मालवीया के लिए राहें बहुत आसान नहीं है। ऐसे में महेन्द्रजीत सिंह मालवीया ने जीत के लिए पूरी ताकत लगा दी है। कांग्रेस पार्टी ने बाप को समर्थन देने का निर्णय किया था, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर ने नामांकन वापस नहीं लिया था, पार्टी ने भले ही अरविंद डामोर को पार्टी से सस्पेंड कर दिया हो, लेकिन चुनाव प्रक्रिया में अरविंद डामोर कांग्रेस प्रत्याशी हैं। ऐसे में चुनाव मैदान में कांग्रेस प्रत्याशी के चलते बाप प्रत्याशी को होने वाले नुकसान का फायदा भाजपा प्रत्याशी महेन्द्रजीत सिंह मालवीया को मिल सकता है।
बाड़मेर-जैसलमेर : त्रिकोणीय मुकाबले से चढ़ा चुनावी पारा
बाड़मेर-जैसलमेर सीट का पारा भी चढ़ा हुआ है, कारण यहां त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी, भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधारी और कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल की गणित बिगाड़ सकते हैं। भाटी अभी विधायक भी हैं, क्षेत्र में उनका अच्छा होल्ड है। इस सीट पर कड़ी टक्कर होने के चलते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा होने के कयास लगाए जा रहे हैं, वहीं भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी भी पीएम मोदी के नाम पर जनता से वोट मांग रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल ने भी जीत के लिए पूरी ताकत लगा दी है।
नागौर : कांग्रेस और आरएलपी के गठबंधन ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन
नागौर सीट पर भाजपा बनाम कांग्रेस के बजाए भाजपा बनाम आरएलपी है। यहां कांग्रेस और आरएलपी के बीच गठबंधन हुआ है। आरएलपी प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल का नागौर में अच्छा होल्ड है, साथ ही उनका राजनीतिक में लंबा अनुभव है। सबसे बड़ा प्लस पॉइंट यह है कि कांग्रेस से गठबंधन के चलते इस बार कांग्रेस मतदाताओं का भी हनुमान बेनीवाल को समर्थन रहेगा। वहीं भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा ने भी जीत के लिए पूरा दमखम लगाया हुआ है, लोगों के मन में उनके प्रति सहानुभूति भी है।
अलवर : आम चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर भी चर्चा
यहां भाजपा प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव के पास राजनीतिक का अच्छा अनुभव है, वहीं कांग्रेस के युवा प्रत्याशी 35 वर्षीय ललित यादव राठ को युवा पसंद कर रहे हैं। नेशनल मुद्दों के साथ ही यहां लोकल मुद्दों पर भी चर्चा हो रही है। अलवर सीट पर दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है।
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